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उत्तराखंड कांग्रेस में विरोध को मुखर नेता: बागी नेताओं की वापसी पर कहा- मलाई चाटने नहीं आने देंगे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता आरपी रतूड़ी का कहना है कि ये लोग कांग्रेस को धोखा देकर के गए हैं. अब मलाई चाटने वापस आ रहे हैं. ऐसे दगाबाज लोगों को पहले तो कांग्रेस आला कमान कांग्रेस में वापस न लें...

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उत्तराखंड कांग्रेस में विरोध को मुखर नेता: बागी नेताओं की वापसी पर कहा- मलाई चाटने नहीं आने देंगे
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Kuldeep Negi|Updated: Oct 26, 2021, 12:12 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कांग्रेस में बागियों की होती दिख रही है. ऐसे में इस मुद्दे पर घमासान छिड़ गया है. बताया जा रहा है कि यशपाल आर्य के कांग्रेस में जाने के बाद अभी अन्य बागियों की वापसी की संभावनाएं बढ़ गई हैं. इन चर्चाओं के बीच अब कांग्रेस के कार्यकर्ता बागियों के विरोध में मुखर हो रहे हैं.

मलाई चाटने वापस आ रहे हैं बागी नेता- आरपी रतूड़ी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता आरपी रतूड़ी का कहना है कि ये लोग कांग्रेस को धोखा देकर के गए हैं. अब मलाई चाटने वापस आ रहे हैं. ऐसे दगाबाज लोगों को पहले तो कांग्रेस आला कमान कांग्रेस में वापस न लें. अगर लिया भी जा रहा है, तो उन्हें टिकट की शर्त पर कतई कांग्रेस में वापसी ना करवाई जाए. 

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पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का बड़ा बयान
प्रदेश में चल रही दलबदल की सियासत और कांग्रेस के कुछ बागियों की कांग्रेस में घर वापसी के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ा बयान दिया है. त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि जिनको जाना है वह जाएं, यशपाल आर्य गए हैं. व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान करता हूं. वह चले भी गए, लेकिन उन्होंने किसी भी तरह की बयानबाजी नहीं की. त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि कुछ लोगों को सुर्खियां बटोरने का एक आकर्षण रहता है. वह सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं. अगर आपको जाना है तो जाइए, किसी ने रोका नहीं है. पार्टी ने सबको सम्मान दिया है. मंत्रिमंडल में भी आधा मंत्रिमंडल उन्हीं लोगों को दिया गया है. अगर फिर भी वह अपने आप को अलग समझते रहे हैं, तो यह उचित नहीं है. उन्हें ठंडे मस्तिष्क से सोचना चाहिए. यह जो बयानबाजी हो रही है या तरह-तरह की जो नाटकबाजी चल रही है. यह ना करके राज्य की जनता ने जो जिम्मेदारी अपने विधायकों को सौंपी है, उसका ख्याल रखना चाहिए.

2016 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए थे ये नेता
दरअसल, बागियों की कांग्रेस में वापसी के सवाल पर पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश पनप रहा है. वे नहीं चाहते कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व उन बागियों को वापस ले, जो 2016 में अपनी ही सरकार को अस्थिर करके भाजपा में चले गए थे.

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स्क्रूटिनी के बाद होगा आखिरी फैसला
बता दें, कुछ दिन से कांग्रेस पार्टी में निष्कासित कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस काम के लिए बनी विचार विमर्श समीक्षा कमेटी और पीसीसी को अब तक 50 से ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं. इन आवेदनों पर पहले स्क्रूटिनी होगी, इसके बाद कोर कमेटी अंतिम फैसला करेगी.

पार्टी ने अपना पक्ष रखने को कहा
जानकारी के मुताबिक, लगभग 3 साल पहले निकाय चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी हरकतों की वजह से 100 से ज्यादा नेताओं और कार्यकर्ताओं को निष्कासित कर दिया गया था. अब फिर से ये लोग वापस आना चाहते हैं. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने निष्कासितों से पार्टी में वापसी से पहले अपना पक्ष रखने को कहा है.

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