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पहाड़ की पीड़ा: वाहन चालकों ने खड़े कर दिए हाथ, बारिश में रात भर भीगते गर्भवती महिला को 17 KM डोली में ले गये अस्पताल

भैंसियाछाना विकासखंड के दूरस्थ गांव में प्रसव के लिए गर्भवती महिला और उसके परिजनों को कड़ी परीक्षा देनी पड़ी. देर शाम प्रसव पीड़ा के बाद महिला को डोली से अस्पताल पहुंचाया गया.

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पहाड़ की पीड़ा: वाहन चालकों ने खड़े कर दिए हाथ, बारिश में रात भर भीगते गर्भवती महिला को 17 KM डोली में ले गये अस्पताल
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Zee Media Bureau|Updated: Jul 14, 2022, 03:36 PM IST

देवेंद्र सिंह बिष्ट/अल्मोड़ा: भैंसियाछाना विकासखंड के दूरस्थ गांव में प्रसव के लिए गर्भवती महिला और उसके परिजनों को कड़ी परीक्षा देनी पड़ी. देर शाम प्रसव पीड़ा के बाद महिला को डोली से अस्पताल पहुंचाया गया. भारी बारिश के बीच गांव के पांच पुरुष और एक महिला, गर्भवती को 17 किलोमीटर कठिन पहाड़ी मार्ग पार कर कर अस्पताल ले गये, जहां गर्भवती का सुरक्षित प्रसव कराया गया. 

वाहन चालकों ने खड़े कर दिए हाथ, डोली से ले गए अस्पताल
मामला भैंसियाछाना विकासखंड के दूरस्थ गांव थिकलना का है. जहां लीला जोशी को मंगलवार देर शाम अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी. करीब साढ़े आठ बजे हुई प्रसव पीड़ा के बाद आनन-फानन में परिवार के लोगों ने स्थानीय वाहन चालकों से संपर्क किया. लेकिन भारी बारिश के बीच निर्माणाधीन मंगलता-त्रिनेली मोटर मार्ग की हालात खराब होने के कारण वाहन चालकों ने हाथ खड़े कर दिये. गर्भवती की हालत बिगड़ती देख परिवार के लोगों ने गर्भवती महिला को 17 किलोमीटर दूर पैदल मार्ग के रास्ते डोली से अस्पताल ले जाने का फैसला लिया. 

6 घंटे के सफर में कई पहाड़ियों को चढ़-उतरकर किया पार
भारी बारिश के बीच रात 11:30 बजे गर्भवती को डोली में बैठा कर अस्पताल के लिए रवाना हो गये. गर्भवती महिला की डोली को कंधों में उठा कर ग्रामीणों ने कई पहाड़ियों को चढ़-उतरकर पार किया. इस दौरान साथ मौजूद महिला हाथ में छाता थामे गर्भवती को भीगने से बचाने का असफल प्रयास करती रही. करीब छह घंटो तक चलते रुकते हुए सफर तय करने के बाद ग्रामीण साढ़े पांच बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पनुआनौला पहुंचे. जहां पर बुधवार साढ़े आठ बजे गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव हुआ. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. प्रसव के बाद बुधवार देर शाम महिला को लेकर ग्रामीण वापस थिकलना गांव लौट आये हैं. 

बारिश की वजह से वाहनों की आवाजाही बंद
गर्भवती महिला को कठिन मार्ग से डोली से पहुंचाने वाले दल में शामिल ग्रामीण भाषकर चन्द्र जोशी ने बताया कि क्षेत्र के गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए 28 किलोमीटर मंगलता-त्रिनेली मोटर मार्ग बनाया जा रहा है, जबकि थिकलना गांव को सड़क से जोड़ने के लिए ग्रामीणों ने चंदे से जोलाबांज-थिकलना मोटर मार्ग भी बनाया है. लेकिन बारिश के दौरान दोनो मार्गों में वाहनों की आवाजाही बंद हो जाती है.

थिकलना के ग्रामीणों का कहना है कि मंगलता-त्रिनेली सड़क बनने के बाद भी ग्रामीणों को सड़क तक पहुंचने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल दूरी तय करनी होगी. ग्रामीणों ने मंगलता-त्रिनेली सड़क का शीघ्र निर्माण करने और गांव से सड़क को जोड़ने की मांग की है. गर्भवती को डोली से पहुंचाने वाले दल में भाषकर चंद्र जोशी, रमेश चंद्र जोशी, सोबन सिंह, गोपाल सिंह, भावना जोशी शामिल रहे. 

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