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Water Tax in UP: यूपी में बिजली के बाद पानी देगा जोरदार झटका, वाटर टैक्स 10 साल बाद कितना बढ़ेगा जान लें

Water Tax in UP: उत्तर प्रदेश में बिजली बिल की बढ़ोतरी की तैयारी तो चल ही रही है, साथ ही हाउस टैक्स पर भी चर्चा चल रही है. इस बीच जलकर यानी वॉटर टैक्स में बंपर बढ़ोतरी के आसार बन रहे हैं.   

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Water Tax Hike in Uttar Pradesh
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Zee Media Bureau|Updated: Aug 01, 2023, 01:27 PM IST

Water Tax in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश की शहरी आबादी को जोर का झटका लग सकता है. बिजली के झटके के बाद अब जल कर यानी वॉटर टैक्स में तगड़ी बढ़ोतरी के आसार हैं. जानकारी के मुताबिक, शहरों में जल कर डेढ़ गुना तक बढ़ सकता है. इससे शहरी लोगों को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है. शहरों में पानी की बढ़ती किल्लत के बिल में ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है. दरअसल, योगी सरकार 10 साल बाद जल कर बढ़ाने पर विचार कर रही है.  जल कर आखिरी बार साल 2013 में बढ़ाया गया था.

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यूपी में नगर निकाय चुनाव के बाद से ही हाउस टैक्स, वाटर टैक्स बढ़ाए जाने की तैयारी चल रही है. इसको लेकर कई बार प्रस्ताव भी आए हैं. वहीं बिजली की कीमत भी बढ़ने का प्रस्ताव काफी समय से लंबित है. नगर निकाय चुनाव के वक्त यह प्रस्ताव टल गया था, लेकिन विद्युत नियामक आयोग की नई तैयारियों के हिसाब से बिजली की कीमत 1.09 रुपये प्रति यूनिट तक महंगी हो सकती है. इसमें 7 से 13 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है. हालांकि अभी इनमें से किसी भी प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगी है. 

दरअसल, अभी उत्तर प्रदेश के शहरों में पानी और सीवर टैक्स का कोई निश्चित दाम नहीं है. यही वजह है कि शहरी विकास विभाग इसमें एकरूपता लाने का प्रयास कर रहा है.अभी के वक्त लखनऊ, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर निकाय में अलग-अलग दरों में जल कर और सीवर टैक्स वसूल किया जाता है. राजधानी लखनऊ में  वॉटर टैक्स घर के वार्षिक किराया मूल्य का 12.5 फीसद तक है, जबकि इस पर तीन फीसदी सीवर टैक्स देना पड़ता है.

वाराणसी में वॉटर टैक्स 10.5 फीसदी, और सीवर टैक्स 4 फीसदी के करीब है. प्रयागराज नगर निगम में वॉटर टैक्स रेट 12.5% और सीवेज टैक्स की दर 4% के करीब है. इसको लेकर शहरी निकायों में कोई एकरूपता नहीं है. नगर निगम कानून 1959 के अनुसार, वॉटर टैक्स, सीवर टैक्स और हाउस टैक्स कुल 32 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता है.

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