trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand01440780
Home >>Uttar Pradesh

World diabetes day 2022: आंखों से ऐसे पहचानें कहीं आपको डायबिटीज तो नहीं, ये पांच लक्षण दिख जाएं तो हो जाएं सावधान

 आपने फिल्मों में हिरोइन की आंखों की खूब तारीफ गाने के रूप में सुनी होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं किआंखें कई बीमारियों को पहचानने में भी मददगार होती है. हम ये बात ऐसे ही नहीं कह रहे हैं इसका मेडिकल में भी प्रमाण है.

Advertisement
World diabetes day 2022: आंखों से ऐसे पहचानें कहीं आपको डायबिटीज तो नहीं, ये पांच लक्षण दिख जाएं तो हो जाएं सावधान
Stop
Zee Media Bureau|Updated: Nov 14, 2022, 02:10 PM IST

World diabetes day 2022: आपने फिल्मों में हिरोइन की आंखों की खूब तारीफ गाने के रूप में सुनी होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं किआंखें कई बीमारियों को पहचानने में भी मददगार होती है. हम ये बात ऐसे ही नहीं कह रहे हैं इसका मेडिकल में भी प्रमाण है. आपने देखा होगा कि कई शारीरिक परेशानियों का पता लगाने के लिए डॉक्टर्स भी सबसे पहले आंखें ही जांचते हैं.

डायबिटीज एक ऐसी समस्या बन गई है जिससे बचना आजकल की लाइफस्टाइल में काफी मुश्किल होता जा रहा है. कई लोग बहुत कम उम्र में ही डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं. डायबिटीज आपकी सेहत पर कई तरह से असर डालती है. इससे शरीर के कई दूसरे अंगों पर बुरा असर पड़ता है. देश और दुनिया भर में मधुमेह लाखों से ज्यादा लोगों को प्रभावित करने वाली बीमारी है. ऐसे में लोगों को इस बीमारी के बारे में अधिक समझने की जरूरत है. 

डॉक्टर्स का कहना है कि अगर एक बार किसी व्यक्ति को मधुमेह यानी डायबिटीज की शिकायत हो जाए तो सावधानी ही इसका बचाव है. डायबिटीज का इलाज समय पर न करने से गंभीर परिणाम हो सकते हैं. अलावा डायबिटीज डायग्नोज होने से पहले स्किन में कुछ संकेत भी दिखने लगते हैं. जिससे आप समझ सकते हैं कि खून में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ रहा है. आइए पढ़ते हैं ऐसे संकेत....
 
गहरे काले धब्बे दे दिखाई
आपने देखा होगा कि डायबिटीज के ज्यादातर मरीजों की स्किन पर गहरे काले धब्बे होने लगते हैं. गले या अंडरआर्म में काले पैच बन सकते हैं. इन्हें छूने पर आपको मखमल जैसा महसूस होगा. ये सब प्री-डायबिटीज के संकेत हैं. अगर बात करें इसकी मेडिकल भाषा में तो इसे एकैनथोसिस निग्रीकैन्स कहा जाता है. इसका कारण है कि खून में इंसुलिन बढ़ गया है.

स्किन पर दिखाई दें लाल,पीले या ब्राउन धब्बे
अगर आपको मधुमेह है तो आपकी स्किन पर खुजली या दर्द भी हो सकता है. कुछ लोगों को त्वचा पर पिंपल्स जैसे होने लगते हैं. आपकी स्किन पर पीले, लाल या ब्राउन धब्बे जैसे बन जाते हैं. ये  भी प्री-डायबिटीज के लक्षण हैं. मेडिकल भाषा में इसे नेक्रोबायोसिस लिपोडिका कहा जाता है हैं. अगर ऐसे संकेत आपको नज़र आएं तो तुरंत अपना शुगर लेवल चेक करा लें. 

अगर शरीर के घाव देरी से ठीक हों तो समझें...
अगर आपको डायबिटीज है तो आपके शरीर के घाव जल्दी ठीक नहीं होंगे. ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ने पर घाव काफी लंबे समय तक ठीक नहीं होते हैं. जिससे नसों को नुकसान पहुंच सकता है और ब्लड सर्कुलेशन में भी दिक्कत हो सकती है. नर्व  डैमेज होने से त्वचा पर हुए घाव को ठीक करना मुश्किल हो जाता है. मेडिकल भाषा में इस तरह की परेशानी को डायबिटिक अल्सर कहते हैं. 

आंखों के पास पीले रंग की चमड़ी
खून में फैट लेवल बढ़ने से आंखों के आस पास पीले रंग की पपड़ी जमना शुरू हो जाता है. ये शरीर में अनियंत्रित डायबिटीज का भी संकेत हो सकता है. मेडिकल भाषा में इसे जैंथेलाज्मा कहा जाता है.

आंखों की पुतलियों के आसपास सफेद रंग
 शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने पर आंखों की पुतलियों के आसपास सफेद रंग दिखाई देने लगते हैं.
हेपटाइटिस, फैटी लिवर, सिरोसिस अथवा जॉन्डिस से पीड़ित लोगों की आंखें पीली नजर आने लगती है. ऐसा शरीर में बिलीरुबीन नाक पिग्मेंट की अधिकता से होता है

कोविड के बाद बढ़े डायबिटीज के मरीज

चिकित्सकों की मानें तो कोविड से ठीक हुए करीब 10 फीसदी लोग मधुमेह से पीड़ित हैं. उन लोगों में डायबिटीज देखा जा रहा है जिनको कोविड से पहले नहीं था. 40 से 50 साल के बीच के लोग मधुमेह से ग्रसित हुए हैं. डॉक्टरों का मानना है कि ब्लड प्रेशर, मधुमेह और कोलस्ट्रोल की वजह से तनाव है. तनाव की वजह से नींद नहीं आती, घबराहट और बैचेनी से परेशान रहते हैं. इसके कारण बीमारियां पैदा हो जाती हैं. जिसका असर शरीर के अंगों पर पड़ता है. मधुमेह से बचाव का तरीका है लोग अपनी लाइफस्टाइल को चेंज करें. फास्ट फूड का सेवन कम करें. पौष्टिक भोजन करें.

नियमित  जांच कराएं
आईसीएआरई आई हॉस्पिटल, नोएडा की डॉ शाहाना मजूमदार का कहना है कि यदि मधुमेह लंबे समय से है, तो मधुमेह से आंखों की समस्या हो सकती है, शुगर का स्तर अनियंत्रित है और उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, एनीमिया, धूम्रपान और गर्भावस्था जैसे अन्य कारक भी हैं. इसलिए हर डायबिटिक को हर साल रेटिना की नियमित आंखों की जांच करानी चाहिए, भले ही कोई लक्षण न हों.

Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी जी Zeeupuk हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है

Read More
{}{}