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जब जन्मदिन पर नेताजी एक कार्यकर्ता पर हुए थे बेहद नाराज, अखिलेश को देना पड़ा था बयान

मुलायम सिंह यादव सपा कार्यकर्ताओं के बीच बहुत लोकप्रिय थे. एक बार एक कार्यकर्ता ने उनका मंदिर बनवाने की शुरुआत कर दी. लेकिन उसके इस काम से नेताजी काफी नाराज हो गए. 

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जब जन्मदिन पर नेताजी एक कार्यकर्ता पर हुए थे बेहद नाराज, अखिलेश को देना पड़ा था बयान
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Zee Media Bureau|Updated: Oct 10, 2022, 08:20 PM IST

प्रमोद कुमार/अलीगढ़: समाजवादी पार्टी के संरक्षक और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अब नहीं रहे. सपा के कार्यकर्ताओं के लिए वह परिवार के सदस्य की तरह थे. अब जब वह नहीं हैं तो उनसे जुड़ी घटनाओं को लोग याद कर भावुक हो रहे हैं. ऐसा ही एक वाक्या अलीगढ़ के एक कार्यकर्ता के साथ हुआ था. बताया जाता है कि नेताजी अपने जन्मदिन के दिन अलीगढ़ के एक कार्यकर्ता पर बेहद नाराज हो गए थे. मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव को इस घटना को लेकर बयान भी देना पड़ा था. दरअसल, 22 नवंबर 2012 को नेताजी का जन्मदिन प्रदेश भर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा था. मुलायम सिंह बेहद खुश नजर आ रहे थे. 

अखिलेश यादव ने दिया था दखल

इसी दौरान पूर्व मुख्यमंत्री को जानकारी हुई कि अलीगढ़ के राजेश सैनी नामक पार्टी कार्यकर्ता ने जन्मदिन के उपलक्ष्य में उनके मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. ओमप्रकाश पुत्र मोहर सिंह की जमीन पर भूमि पूजन भी हो रहा था. जहां यह मंदिर बनता और उस मंदिर में मुलायम सिंह यादव की मूर्ति लगाई जाती. जानकारी होने पर मुलायम सिंह यादव का पारा चढ़ गया, उन्होंने इस पर बेहद नाराजगी जताई. इस घटना को लेकर अखिलेश यादव का फोन राजेश सैनी के पास आ गया. उन्होंने कहा कि तत्काल मंदिर निर्माण का कार्य रुकवा दिया जाए.

अखिलेश यादव ने राजेश सैनी से कहा था कि समाजवादी पार्टी में यह परंपरा नहीं है. यह मामला देश भर में टीवी चैनलों से लेकर अखबारों की सुर्खियां बन गया था. इस मंदिर का निर्माण सैनी समाज द्वारा कराया जा रहा था. मंदिर में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव जी 5 फीट लंबी मूर्ति लगाई जा रही थी. उस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री की मूर्ति  42000 रुपये में राजस्थान के दौसा में तैयार हो रही थी. और 16000 रुपये बतौर एडवांस भी पहुंच गया था. 

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कौन है राजेश सैनी
अलीगढ़ के गांधी नगर निवासी राजेश सैनी 2002 में राजनीति में आए. भारतीय जनता पार्टी से उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. इससके बाद वह सपा संरक्षक के आदर्शों से प्रभावित होकर 2005 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. वह 2005 से 2011 तब जिला प्रवक्ता रहे. इसके बाद 2012 में उन्हें मथुरा शहर विधानसभा सीट से पार्टी का प्रत्याशी बनाया गया, लेकिन ऐन मौके पर चुनाव से एक महीने पहले उनका टिकट बदलकर दूसरे प्रत्याशी को मैदान पर उतार दिया गया. टिकट कैंसिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें प्रदेश सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी जिसके बाद वह लगातार पार्टी के साथ जोड़कर पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए काम करते रहे.

इस दौरान उन्होंने पिछड़ा वर्ग के प्रदेश सचिव के रूप में भी जिम्मेदारी संभाली. लगातार पार्टी में सक्रिय कार्यकर्ता रहने के बावजूद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की नीतियों से नाराज होकर 7 मई 2022 को वह आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ गए. सोमवार को जब पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के निधन की खबर में मिली तो उन्हें गहरा दुख पहुंचा जिसके बाद उन्होंने अपने कार्यालय पर उनका चित्र लगाकर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की.

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