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Uttarakhand: बादल फटने जैसी आपदाओं का पहले ही मिलेगा अलर्ट, ऐसे काम करेगा डाप्लर रडार

उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने मौसम विज्ञान केंद्र के साथ करार किया है. इससे मौसम विज्ञान केंद्र प्रदेश में आने वाली संभावित आपदाओं को लेकर जानकारी साझा करेगा. पढ़ें पूरी ख़बर

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Uttarakhand: बादल फटने जैसी आपदाओं का पहले ही मिलेगा अलर्ट, ऐसे काम करेगा डाप्लर रडार
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Zee Media Bureau|Updated: Dec 12, 2022, 06:07 PM IST

रामानुज/देहरादून:  उत्तराखंड में बादल फटना और लैंड स्लाइड जैसी अनेक प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं. इससे बड़ी संख्या में जानमाल की हानि होती है. इस समस्या को देखते हुए उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मौसम विज्ञान केंद्र के साथ आज 5 साल के लिए एमओयू किया है. सचिवालय में एमओयू किया गया जिसमें दोनों विभागों के अधिकारी शामिल रहे. सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा का कहना है कि बारिश सटीक जानकारी देने के लिए प्रदेश में कंपैक्ट राडार लगाया जाएगा, जिससे बादल फटने और भारी बारिश होने की जानकारी स्थानीय लोगों को मिल सके.  यात्रा मार्गों पर भी हाई टेक्नोलॉजी के सिस्टम को विकसित करने पर विचार किया जा रहा है. इसके अंतर्गत लोकेशन स्पेसिफिक इन्फॉर्मेशन देने पर विचार किया किया जा रहा है. लैंसडाउन में डॉपलर रडार जल्द लगाया जाएगा. उनका कहना है कि इससे आपदा की घटनाओं में पहले ही सूचना मिलेगी लोगों को सतर्क कर दिया जाएगा. उनका कहना है मौसम की सटीक जानकारी मिलने पर विभाग आपदा कंट्रोल के लिए बेहतर काम कर सकेगा.

वहीं मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि विभाग के साथ विभाग के साथ आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ एमओयू किया गया है. इससे जानकारी को साझा किया जाएगा. सटीक जानकारी किसी भी लोकेशन की मिल सके. इसके लिए मौसम विज्ञान केंद्र अपने सिस्टम को और मजबूत कर रहा है. 

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अगले साल बरसात के मौसम से पहले 4-5 कंपैक्ट रडार लगाने के लिए जल्द ही लोकेशन का चयन किया जाएगा. दोनों विभागों के बीच पहले भी पांच साल के लिए साझा एमओयू हुआ था. नये एमओयू के तहत इसे पांच साल के लिए और बढ़ाया गया है. साझा करार होने के बाद अलग-अलग हिस्सों में रडार लगाए जाएंग और महत्वपूर्ण उपकरणों की खरीदी भी हो सकेगी.

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