Home >>Uttar Pradesh

यूपी में एक्टिव मोड पर है 'बाबा का बुलडोजर', जानें कब चलता है और क्या हैं नियम?

UP Bulldozer Action: 'बाबा का बुलडोजर' तो पहले से ही चर्चा का विषय रहा है, लेकिन हाल ही में हुए एक्शन के बाद चर्चा और तेज हो गयी है. ऐसे में आइये जानते हैं क्या हैं बुलडोजर चलाने के नियम. किन-किन परिस्थितियों में हो सकती है बुलडोजर की कार्रवाई-

Advertisement
फाइल फोटो.
Stop
Atma Prakash Tripathi|Updated: Jun 14, 2022, 04:09 PM IST

UP Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का बुलडोजर लगातार अवैध निर्माण और अतिक्रमण को जमीदोंज कर रहा है. प्रदेश के अवैध अतिक्रमण को वैध बनाने के लिए शासन-प्रशासन पीले पंजे का खूब प्रयोग कर रहा है. बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद देशभर के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा हुई थी. यूपी के प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद और अंबेडकरनगर समेत कई शहरों में भी जमकर उपद्रव हुआ था. सरकार की तरफ से रिटर्न गिफ्ट देते हुए सहारनपुर और प्रयागराज में नामजद आरोपियों के अवैध निर्माण को बुलडोजर के जरिए ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई. 'बाबा का बुलडोजर' तो पहले से ही चर्चा का विषय रहा है, लेकिन हाल ही में हुए एक्शन के बाद चर्चा और तेज हो गयी है. ऐसे में आइये जानते हैं क्या हैं बुलडोजर चलाने के नियम, किन-किन परिस्थितियों में हो सकती है बुलडोजर की कार्रवाई-

सरकारी जमीन पर कब्जा करने की स्थिति में 
अगर किसी व्यक्ति या संस्था के जरिए किसी भी सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया हो, तो प्रशासन उनके ऊपर बुलडोजर की कार्रवाई कर सकता है. इसके लिए प्रशासन की तरफ से कब्जा करने वाले व्यक्ति या संस्था को संपत्ति को खाली करने के लिए नोटिस भेजा जाता है. दूसरी तरफ से जवाब ना मिलने की दशा में या देय समय में संपत्ति खाली नहीं करने के बाद प्रशासन बुलडोजर से ध्वस्तीकरण कर सकता है. 

उत्तर प्रदेश रेगुलेशन बिल्डिंग ऑपरेशन अधिनियम 1958 के प्रावधानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील रुद्रविक्रम सिंह बताते हैं कि प्रशासन कब्जा खाली करने के लिए कब्जेदार व्यक्ति, संस्था को नोटिस भेजती है. एक्ट का सेक्शन 10 के मुताबिक, कब्जेदार को नोटिस का जवाब 2 महीने के अंदर देना होता है. हांलाकि यह संबंधित प्राधिकरण के ऊपर है कि उसे जवाब कितने दिनों में चाहिए. 

देश की राजनीति में फिर यूपी का बोलबाला, प्रदेश से निकलेंगे तीसरे राष्ट्रपति?

CRPC के तहत भी प्रशासन कर सकता है कार्रवाई  
एडवोकेट रुद्रविक्रम के मुताबिक, अगर कोई अपराधी जुर्म करने के बाद फरार है, तो सबसे पहले उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाता है. वारंट जारी होने के बाद भी अपराधी ने अगर आत्मसमर्पण नहीं किया है, तो CRPC के नियमों के तहत उसकी संपत्ति को कुर्क किया जा सकता है. दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 83 के तहत प्रशासन केवल अपराधी की संपत्ति को कुर्क कर सकता है. 

निर्माण का नक्शा ना पास होने की दशा में
अगर आपने अपने निर्माण का नक्शा संबंधित प्राधिकरण या अधिकारी से पास नहीं कराया है, तो ऐसी स्थिति में भी बुलडोजर की कार्रवाई संभावित है. आपके निर्माण के नक्शे को पास करने के लिए अलग-अलग निकाय की व्यवस्था की गई है. अगर आपका निर्माण महानगर में है, तो आपको महानगर के विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराना होता है. वहीं, अगर आप नगरपालिका में कोई निर्माण करवा रहे हैं, तो आपको पहले उपजिलाधिकारी से अपने निर्माण का नियत नक्शा पास कराना चाहिए.

IRCTC Tour Package: बेहद ही कम खर्च में करें मां वैष्णो देवी के दर्शन

 

WATCH LIVE TV

{}{}