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Uniform Civil Code: उत्तराखंड में 30 जून तक तैयार हो जाएगा यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट, मुख्यमंत्री धामी ने दिया बड़ा बयान

Uttarakhand Uniform Civil Code: उत्तराखंड में अगले कुछ महीनों के भीतर यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता लागू हो सकती है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस बात के संकेत दिए हैं.

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Uniform Civil Code: उत्तराखंड में 30 जून तक तैयार हो जाएगा यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट, मुख्यमंत्री धामी ने दिया बड़ा बयान
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Zee Media Bureau|Updated: May 14, 2023, 02:05 PM IST

रामानुज/देहरादून: उत्तराखंड में 30 जून तक समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) का ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि जिस तरह से कमेटी काम कर रही है ऐसे में सामान नागरिक का ड्राफ्ट तैयार होने जा रहा है. उनका कहना है कि ''उत्तराखंड सरकार देश में पहला राज्य होगा जो समान नागरिक संहिता लागू करेगा. दूसरी राज्यों की सरकारों को भी समान नागरिक संहिता को लागू करना चाहिए.'' मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए जस्टिस रंजना प्रसाद देसाई की अध्यक्षता में कमेटी ने ड्राफ्ट लगभग तैयार कर लिया है.

30 जून तक कमेटी ड्राफ्ट सरकार को उपलब्ध करा देगी. सरकार को ड्राफ्ट मिलते ही उसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे. कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी. सीएम धामी ने शुक्रवार को पुलिस लाइन कार्यालय में स्थापित मॉडर्न इंट्रीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का शुभारंभ करने के दौरान यह बात कही थी. सीएम ने कहा कि धर्मांतरण घुन की तरह लग गया था जिसे रोकने के लिए कठोर कानून लाए. सीएम ने कहा कि सरकार किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, लेकिन सरकारी जमीन पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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उत्तराखंड में  यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. कमेटी राज्य के सभी लोगों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और ड्राफ्ट कानून या मौजूदा कानून में संशोधन की रिपोर्ट तैयार करेगी. समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, पूर्व मुख्य सचिव, पूर्व कुलपति और एक सामाजिक कार्यकर्ता को सदस्य बनाया गया है. गौरतलब है कि समान नागरिक संहिता को देश की राजनीति में बीजेपी, कांग्रेस समेत अनेक दलों के बीच सियासी तलवारें खिचती रही हैं.

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