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Surya Grahan 2022: सूर्यग्रहण के कारण रात में दर्शन देंगे बांकेबिहारी, बंद रहेंगे कई बड़े मंदिर तो काशी में टूटेगी 27 साल पुरानी परंपरा

Surya Grahan 2022:  ग्रहण के चलते कई बड़े मंदिरों को बंद किया जाएगा तो कुछ बड़े मंदिरों में कई साल पुरानी परंपरा भी टूटेगी....पढ़ें और क्या होगा बदलाव

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Zee Media Bureau|Updated: Oct 22, 2022, 02:29 PM IST

Surya Grahan 2022: दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण पड़ने से कई त्योहारों की तिथियों में कन्फ्यूजन पैदा हो गया है. जिसके चलते गोवर्धन, भैया दौज जैसे पर्वों को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. सूर्यग्रहण पड़ने पर सभी प्रमुख मंदिर मंगलवार की देर शाम तक बंद रहेंगे.  ग्रहण के चलते कई बड़े मंदिरों को बंद किया जाएगा तो कुछ बड़े मंदिरों में कई साल पुरानी परंपरा भी टूटेगी. 

सुबह चार बजे शुरू हो जाएंगे सूतक
दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण के चलते ठा.बांकेबिहारी भक्तों को अब 24-25 की रात भी दर्शन देंगे. धर्म नगरी काशी में इस बार दीपावली (Diwali 2022) के दूसरे दिन नहीं, बल्कि तीसरे दिन अन्नकूट महोत्सव (Annakoot Mahotsav) मनाया जाएगा. 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण के सूतक सुबह साढ़े चार बजे शुरू हो जाएंगे.  इसलिए मंदिर में राजभोग की सेवा रात डेढ़ बजे से शुरू करने के साथ भोर में 4  बजे पट बंद कर दिए जाएंगे. शाम को सूर्यग्रहण के बाद 7:15 बजे श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में आराध्य के दर्शन को पट खोले जाएंगे. 

दिवाली के तीसरे दिन मनाया जाएगा अन्नकूट
देवों की नगरी काशी में इस बार दीपावली के दूसरे दिन नहीं, बल्कि तीसरे दिन अन्नकूट महोत्सव (Annakoot Mahotsav) मनाया जाएगा. दीपावली के अगले दिन खंडग्रास सूर्यग्रहण के कारण ऐसा संयोग बन रहा है. ज्योतिषियों की मानें तो 27 साल बाद ऐसा देखने को मिल रहा है, जब दीपावली के तीसरे दिन अन्नकूट महोत्सव और गोवर्धन पूजा मनाया जाएगा. भारत में भी ये ग्रहण दिखेगा. सूतक काल के कारण मन्दिर 25 तारीख को लगभग बंद रहेगा, जिसके कारण अन्नकूट की तारीख बदलनी पड़ी है. 

सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल की शुरुआत होती है. ऐसे में तमाम देवालय और मंदिर बंद होते है, जिसके कारण इस बार देवालयों में दीपावली के दूसरे दिन नहीं, बल्कि तीसरे दिन देवालयों में अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा.

सूर्य ग्रहण के चलते बदलाव
सूर्यग्रहण के दिन बांकेबिहारी मंदिर के में आराध्य के दर्शन की समय-सारणी में बदलाव किया है. सूर्यग्रहण शाम को शुरू होगा, सूतक काल सुबह साढ़े चार बजे शुरू हो जाएगा. ऐसे में दिन में होने वाली राजभोग सेवा रात में डेढ़ बजे शुरू होगी.

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बांकेबिहारी मंदिर में श्रृंगार और राजभोग आरती का समय
श्रृंगार आरती-1:40 बजे 
राजभोग आरती-3:55 बजे 
मंदिर के कपाट बंद होंगे- सुबह चार बजे 
शाम को सूर्यग्रहण के बाद रात 7:15 बजे मंदिर के पट श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए खोले जाएंगे.
शयन आरती-रात 9:25 बजे
रात- 9:30 बजे पट बंद होंगे

रंगजी मंदिर एवं राधारमण मंदिर में ये होगा दर्शन समय
सूर्य ग्रहण और उससे पहले सूतक काल में रंगजी मंदिर में दर्शन बंद कर दिए जाएंगे. 25 अक्टूबर को दिन में 12 बजे मंदिर के पट बंद हो जाएंगे. इसके बाद 26 को सुबह 8 बजे खुलेंगे. ग्रहण वाले दिन मंदिर दिन में 12 बजे बंद  कर दिया जाएगा.  ठा. राधारमण मंदिर के पट 26 अक्तूबर शाम 7.15 पर खुलेंगे. आरती के बाद आराध्य श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे. रात 9.30 की  आरती के बाद पट बंद होंगे.

जल व खाद्य सामग्री में तुलसी की पत्तियां डालें
सूर्य ग्रहण के दिन भोजन, जल व खाद्य सामग्री में तुलसी की पत्ती डाली जाती है.  इस बार 23 अक्तूबर को रविवार है, इस दिन तुलसी को छूना और तोड़ना वर्जित है.  तोड़ने वाला पाप का भागी होता है.  इस तरह 24 अक्टूबर को अमावस्या है. कोई भी पत्ता तोड़ने पर ब्रह्महत्या का पाप लगता है. ऐसे में इन तीन दिन तुलसी की पत्ती नहीं तोड़नी चाहिए तो 22 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे तक तुलसी की पत्तियां तोड़कर सुरक्षित रख लें. बता दें कि सूर्यग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है.

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