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सपा विधायक बर्क का विवादित बयान: BJP और RSS की तुलना अंग्रेजों से, कहा- आजादी में कोई योगदान नहीं!

Zia Ur Rehman Burq on BJP & RSS: सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के पोते और सपा से ही विधायक जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि देश की आजादी के लिए जब हजारों-लाखों लोग मेहनत कर रहे थे, तब आरएसएस वहां नहीं... पढ़ें खबर-

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सपा विधायक बर्क का विवादित बयान: BJP और RSS की तुलना अंग्रेजों से, कहा- आजादी में कोई योगदान नहीं!
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Zee Media Bureau|Updated: Aug 07, 2022, 12:22 PM IST

SP MLA on BJP RSS: समाजवादी पार्टी के विधायक जियाउर्रहमान बर्क का एक और विवादित बयान सामने आया है. सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियाउर्रहमान ने बीजेपी और आरएसएस की तुलना आजादी से पहले देश पर राज करने वाले अंग्रेजों से कर दी है. यह भी कहा है कि देश से वफादारी साबित करने के लिए मुसलमानों को तिरंगा लगाने या किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. 

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अंग्रेजों से की बीजेपी की तुलना
आजादी के अमृत महोत्सव में शामिल होने के सवाल पर जियाउर्रहमान बर्क ने कहा है कि उन्हें खुशी है कि देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं. लेकिन, सच कड़वा जरूर होता है और सच यह है कि आजादी से पहले अंग्रेज देश पर हुक्म चला रहे थे और अब वह लोग चला रहे हैं, जिनका आजादी में कोई योगदान भी नहीं था. इतिहास गवाह है कि आरएसएस के लोग बीजेपी के रूप में देश में सरकार चला रहे हैं. 

'आरएसएस का कोई सदस्य स्वतंत्रता की लड़ाई में नहीं': जियाउर्रहमान बर्क
जब देश की आजादी के लिए मेहनत हो रही थी, लोग जेलों में जा रहे थे, धरने प्रदर्शन कर रहे थे, अपनी जान की कुर्बानी दे रहे थे, उस वक्त मुसलमान किसी से पीछे नहीं थे. जियाउर्रहमान का कहना है कि देश की आजादी के लिए कई मुसलमान फांसी के फंदे पर झूले थे. हजारों उलमा शहीद हुए हैं. विधायक ने कहा कि मुसलमानों के साथ साथ हजारों हिंदू भी थे जो लड़ाई कर रहे थे, लेकिन आरएसएस का कोई सदस्य उसमें नहीं था. 

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'देश के प्रति वफादारी हम पहले भी साबित कर चुके हैं': जियाउर्रहमान बर्क
जियाउर्रहमान ने कहा कि आज यह लोग झंडा लगाओ अभियान चलाकर उस महोत्सव को मनाने जा रहे हैं. वह बस यह कहना चाहेंगे कि केवल तिरंगा लगाकर आप देश के प्रति प्रेम नहीं दिखा सकते. देश के लिए प्रेम हमारे दिलों में होता है. यह इस्लाम भी सिखाता है कि जिस देश में रहो, उसकी मिट्टी से प्यार होना चाहिए. देश के प्रति वफादारी होनी चाहिए और यह वफादारी उनके बुजुर्गों ने आजादी के दौरान साबित की थी. सिर्फ झंडा लगाने से वफादारी साबित नहीं की जा सकती. अगर आज बीजेपी को वफादारी साबित करनी है, तो जन के प्रति करें. 

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