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Adipurush Controversy: फिल्म आदिपुरुष के विरोध में उतरी आरएलडी, सीएम योगी से बैन की मांग

Adipurush Film Controversy: फिल्म आदिपुरुष को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.अब राजनीतिक दलों ने भी इस फिल्म पर प्रतिबंध की मांग तेज कर दी है. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के बाद अब राष्ट्रीय लोकदल ने फिल्म पर प्रतिबंध की मांग की है.

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Adipurush Controversy: फिल्म आदिपुरुष के विरोध में उतरी आरएलडी, सीएम योगी से बैन की मांग
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Zee Media Bureau|Updated: Jun 18, 2023, 03:01 PM IST

लखनऊ: रामायण पर आधारित फिल्म आदिपुरुष का चोरों ओर विरोध हो रहा है. अब सियासी दल भी इसमें उतर गए हैं. राष्ट्रीय लोकदल ने फिल्म आदिपुरुष को बैन करने की मांग की है. आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष ( व्यापार) रोहित अग्रवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फिल्म उत्तर प्रदेश में बैन करने के लिए पत्र लिखा है.

रोहित ने लिखा है कि 16 जून 2023 को रिलीज हुई फिल्म आदिपुरुष को उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित किया जाए. फिल्म निर्माताओं ने इस फिल्म को रामायण पर आधारित बताया है लेकिन इसका कोई भी किरदार हमारे धर्म ग्रंथों की मर्यादाओं के अनुसार नहीं है. रोहित ने पत्र में लिखा है कि फिल्म में अमर्यादित और फूहड़ भाषा का इस्तेमाल किया गया है. फिल्म में ऐसे डायलॉग हैं, जो सनातन आस्था और सनातन प्रेमियों के हृदय को ठेस पहुंचाते हैं. फिल्म में दर्शाए गए रामायण के सभी पात्र रामायण की कहानी के बिल्कुल उलट हैं, यह हमारे धर्म ग्रंथों और हमारी संस्कृति पर कुठाराघात है.

भूपेश बघेल ने भी जताई थी आपत्ति
इससे पहले फिल्म आदिपुरुष में दिखाए गए किरदारों और डायलॉग को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने भी कड़ी अपत्ति जताई है. वहां छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने भी फिल्म को बैन करने की मांग की है. अयोध्या में राममंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास भी फिल्म पर आपत्ति जता चुके हैं. दिल्ली हाई कोर्ट में फिल्म को बैन करने के लिए एक याचिका भी दायर की गई है.

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सोशल मीडिया पर भी फिल्म के निर्माता, अभिनेताओं और संवाद लेखक मनोज मंतशिर का विरोध हो रहा है. वहीं फिल्म को लेकर बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने भी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि ''चंद रुपयों के लालच में इस तरह की फिल्में बनाई जाती है. फिल्म बनाने वाले लोगों को सोच बदलने की जरूरत है. कम से कम हिंदुस्तान की सभ्यता और परंपराओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि रामायण और महाभारत ग्रंथ तो भारत की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले हैं. इनके साथ तो कम से कम छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए.''

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