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मरने से पहले व्यक्ति के मुंह में क्यों डाला जाता है गंगाजल और तुलसी, जानें क्या है मान्यता

ह‌िन्दू धर्म में मरने वाले व्यक्त‌ि के मुंह में तुलसी और गंगाजल डाला जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से मरने वाले व्यक्ति को यमदंड का सामना नहीं करना पड़ता और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.  

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मरने से पहले व्यक्ति के मुंह में क्यों डाला जाता है गंगाजल और तुलसी, जानें क्या है मान्यता
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Zee Media Bureau|Updated: Jun 21, 2022, 05:35 PM IST

Religion Spiritual: पृथ्वी को मृत्युलोक कहा जाता है. यहां जन्म लेने वाले की मृत्यु भी निश्चित है. हर व्यक्ति को अपने इस नश्वर शरीर को छोड़कर जाना होता है. धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष ये चार पुरुषार्थ कहे जाते हैं. हिन्दू धर्म के अनुसार मानव धर्म का अंतिम उद्देश्य मोक्ष प्राप्त करना है. इसी तरह मौत को लेकर भी हमारे समाज में सभी धर्मों की अलग-अलग मान्यताएं हैं. आपने अक्सर देखा होगा कि ह‌िन्दू धर्म में मरने वाले व्यक्त‌ि के मुंह में तुलसी और गंगाजल डाला जाता है. कुछ लोग मुंह में सोना रखते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है? अगर नहीं जानते, तो पढ़िए ये आर्टिकल. 

गंगाजल 
गंगाजल को हिन्दू धर्म में सबसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है. छोटी पूजा से लेकर बड़े अनुष्ठान तक सभी में गंगाजल का उपयोग किया जाता है. पुराणों के अनुसार गंगा नदी भगवान विष्णु के चरण से न‌िकली है और श‌िव की जटाओं में इनका वास है. ऐसी मान्यता है कि मृत्यु के समय मुंह में गंगाजल रखने से शरीर से आत्मा न‌िकलते समय यमदूत परेशान नहीं करते. 

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तुलसी पत्ता
गंगाजल के साथ मुत्यु के समय व्यक्ति के मुंह में तुलसी पत्ता भी रखा जाता है. इसके पाछे भी यही मान्यता है कि तुलसी हमेशा भगवान व‌िष्णु के स‌िर पर शोभित होती हैं, मृत्यु के समय तुलसी पत्ता मुंह में डालने से व्यक्त‌ि को यमदंड का सामना नहीं करना पड़ता.

सोना
तुलसी और गंगाजल के साथ कुछ जगहों पर मृत्यु के समय व्यक्ति के मुंह में सोने की टुकड़ा भी रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

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