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Rampur: गांव वालों को मिला ISIS के नाम से धमकी भरा खत, हैंडराइटिंग से मिस्ट्री सुलझाएगी पुलिस

Rampur ISIS Threat: धमकी भरे खतों के मिलने से पूरे गांव में हड़कंप. जानकारी के मुताबिक इन सभी खतों में लगभग एक जैसी भाषा का इस्तेमाल किया है. इन पत्रों में पेन ड्राइव और नक्शे की बात कही है जिनके ना मिलने पर गांव पर सरीन गैस से हमला करने की धमकी दी है. 

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Rampur: गांव वालों को मिला ISIS के नाम से धमकी भरा खत, हैंडराइटिंग से मिस्ट्री सुलझाएगी पुलिस
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Zee Media Bureau|Updated: Aug 02, 2022, 12:03 PM IST

Rampur ISIS Threat: रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर में धमकी भरे लेटर मिलने के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. यहां के शाहाबाद इलाके अनवा गांव में आईएसआईएस (ISIS) की धमकी मिलने के बाद चिट्ठी में जिन परिवारों के नाम लिखे हैं वो बहुत सहमे हुए हैं. वहीं, एक लेटर में जिस महिला गीता शर्मा का नाम है. उसका कहना है कि डर लग रहा है कि कहीं कोई मार न दे.

पुलिस और आईबी (IB) घटना की जांच में जुटी है, लेकिन पुलिस को यह किसी की शरारत लग रही है, क्योंकि लेटर पर हैंडराइटिंग बच्चों की लिखावट लग रही है. रामपुर के थाना शाहाबाद इलाके के अनवा गांव में अजीब माहौल है. ISIS की धमकी के बाद ग्रामीण सुरक्षा में लगाई गई पुलिस के इर्दगिर्द ही रहते है.

ग्रामीणों का दहशत में है बुरा हाल
वहीं, गांव के ही रहने वाले कुलदीप और उनके रिश्तेदार भानु प्रताप व वीरपाल के नाम भी लाल खत में है. वो बताते है कि वो लोग डरे हुए हैं. सिर्फ अपने जानवरों का खाना लेने कई लोग साथ जाते हैं. गांव के बाहर नहीं जाते हैं. पुलिस के जवान गांव में ड्यूटी कर रहे हैं वो उन्हीं के पास बैठे रहते हैं. कुलदीप ने बताया कि लेटर मिलने के बाद डर का माहौल है. वह बताते हैं कि लेटर मिलने के करीब एक सप्ताह पहले उनकी जमीन पर किसी ने करंट का तार डाल दिया था, ताकि खेत पर पानी लगाने कोई जाए और करंट लगने से मर जाए.

करीब 3 से 4 मीटर तार लगाया गया था.  जिनको समय रहते देख लिया और तार खोल दिया गया. उसके बार यह लेटर मिला, जिसमें धमकी थी. "हम कोई पेन ड्राइव नहीं जानते न कोई हमारा परिवार के गांव का बाहर रहता है. अब डर का माहौल है. मदद के लिए पुलिस आई है. कुलदीप ने आगे कहा कि हम यहीं रहेंगे कहीं नहीं जाएंगे.

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बच्चों पर भी पड़ रहा चिट्ठियों का असर
गांव की 60 साल की महिला गीता शर्मा और उनका नाती 12 साल का बच्चा भारत है, उनका भी खत में नाम है. गीता बताती है, "हम न लड़ने वाले हैं न भिड़ने वाले हैं." लिफाफे पर उनका नाम लिखा था उनकी समझ में नहीं आया. गीता के पास करीब 80 बीघा जमीन है. वह बताती है, "घर के बालक दहशत में है. रोटी नहीं खा रहे हैं. डर लग रहा है कि कोई मार न दे. पुलिस ने सुरक्षा दी है और इसलिए वह रह रही है."

अपर पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
अपर पुलिस अधीक्षक संसार सिंह ने बताया, "हम लोग जांच कर रहे हैं कि लिखने वाला इंग्लिश भी जानता हो और उर्दू भी जानता हो. इंग्लिश अच्छी जानता है. उसने ठीक से ट्रांसलेट किया है, एक तो ये तलाशा जा रहा है और उस गांव में कोई इतना पढ़ा लिखा भी नहीं है जो उर्दू और अंग्रेजी दोनों जानता हो. वहीं, जिन लोगों को थ्रेट किया गया है उनका भी बैकग्राउंड ऐसा नहीं है.  सभी किसान है. न उनका कहीं आना जाना है और न किसी तरह के झगड़े में कोई एनवॉलमेंट है. न उनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज है."

अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया, "इसे हम शरारत मानकर चल रहे हैं. वहां 5 चिट्ठियां मिली थीं, जिनमें एक ही कंटेंट था. थोड़ा उर्दू में लिखा था और  थोड़ा इंग्लिश में लिखा था. आईबी और अन्य एजेंसी इनकी जांच कर रही हैं. आज कल गूगल पर सब कुछ मिल जाता है. हो सकता है कि किसी ने सरीन गैस ढूंढ ली हो और लिख दिया हो. हैंडराइटिंग इस तरह की लग रही है जैसे किसी बच्चे से लिखवाया हो, यह किसी की शरारत लग रही है. उस गांव के लोग न विदेश में रहते हैं और न पढ़े लिखे हैं.  एफआईआर दर्ज हो गई है. जांच की जा रही है."

यह है पूरा मामला
अनवा गांव के कुलदीप सिंह सुबह खेत में धान को पानी लगाकर वापस लौटे. घर के गेट पर उन्हें गिफ्ट पैक करने वाले पॉलीथीन में कुछ लिपटा हुआ नजर आया. उन्होंने पन्नी हटाई तो अंदर लाल रंग का कपड़ा था उस पर अरबी में कुछ लिखा हुआ था. कुलदीप ने सोचा कि कोई टोना टोटका है और पैकेट को खेत में ही कूड़े वाली जगह पर फेंक दिया. उसके बाद गांव के कुछ लोगों की नजर उस पैकेट पर पड़ी. जब उन्होंने पैकेट खोला तो उसमें कुछ लिफाफे थे, जिसमें अंदर लेटर भी थे.

लेटर इंग्लिश में लिखे गए थे और नीचे समझ में न आने वाली उर्दू में 2 लाइनें लिखी हुई थीं. गांव में किसी को अंग्रेजी नहीं आती, जिस किसी को थोड़ी बहुत आती थी उसने पढ़ा तो पता चला उन खतों में जान से मारने की धमकी दी गई है. यह पढ़कर सबके होश पाख्ता हो गए, जिसके बाद सबने मिलकर पुलिस को इस बारे में जानकारी दी.

यहां जानें क्या लिखा है खत में
खत में लिखा है, "तुम लोग सोच रहे होंगे, ये तुम्हारे साथ क्यों हो रहा हैय मैं तुम्हें कभी भी मार सकता हूं. तुम्हारे परिवार या तुम्हारे गांव का कोई एक शख्स विदेश में है. उसके पास भारतीय खुफिया एजेंसी RAW या इंटेलिजेंस ब्यूरो के दिए हुए पैनड्राइव और मैप रखे हैं. वो किसी भी हाल में हमें चाहिए. नहीं तो गांव का एक भी शख्स जिंदा नहीं बचेगा."

खत में आगे लिखा है, "वो मैप और पेनड्राइव 20 अगस्त को भारत लाकर होम मिनिस्टर अमित शाह को देने का प्लान है. उस शख्स ने जिन अधिकारियों के साथ मिलकर प्लान बनाया है. उनको हमने खरीद लिया है. वो शख्स भूल रहा है कि भारत में मंत्रियों, अधिकारियों से लेकर जज तक सब बिकने को तैयार बैठे हैं. फिर भी वो किसी भी हालत में अमित शाह तक पहुंचने की कोशिश करेगा."

खत में आगे धमकी देते हुए लिखा गया है, "अगर ऐसा होता है तो मैं कसम खा कर कहता हूं, गांव का एक भी इंसान जिंदा नहीं बचेगा. वो शख्स और खुद भारत सरकार यहां तक कि अमित शाह और योगी आदित्यनाथ भी तुम्हें नहीं बचा पाएंगे. सरीन गैस को गांव में रखवा दिया गया है. मेरे एजेंट्स गांव के एक-एक व्यक्ति पर नजर बनाए हुए हैं. तुम लोगों के पास 10 अगस्त तक का टाइम है, उसे रोक लो. लिफाफे के ऊपर लिपटा लाल कपड़ा मौत का पैगाम है."

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खत के जरिए गांव वालों को दी ये समझाइश
इसके बाद जिनके नाम खत लिखे गए हैं उन्हें यह समझाइश भी दी गई है कि अगर वो शख्स अमित शाह की जगह मैप और पेनड्राइव उनके एजेंट को देता है तो गांव के लोगों का पीछा छोड़ दिया जाएगा और 24 घंटे के अंदर 2 करोड़ रुपये उन लोगों के घर पहुंचा दिए जाएंगे. साथ ही उस व्यक्ति को दुनिया में कहीं भी हाई लेवल की नौकरी दिलवा दी जाएगी.

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