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रामपुर ISIS लेटर खुलासा: बेटे ने ही भेजे थे परिवार को धमकी भरे पत्र, IAS बनने की लालच में रची थी पूरी कहानी

Rampur ISIS Letter Case: रामपुर के घर में मिले ISIS लेटर मामले में खुलासा हो गया है. ISIS का धमकी भरा पत्र फर्जी निकला. जिस घर में धमकी भरे पत्र मिले थे उसके बेटे को ही पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जानें पूरा मामला...

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पुलिस गिरफ्त में आरोपी.
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Zee Media Bureau|Updated: Aug 13, 2022, 08:11 PM IST

रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर में बीते दिनों ISIS के नाम से धमकी भरे खत भेजे गए थे, जो जांच में फर्जी निकले हैं. जिस व्यक्ति को धमकी दी गई थी पुलिस ने उसके बेटे को ही गिरफ्तार किया है. पीड़ित भानु प्रताप सिंह के बेटे ने ही IAS में लैटरल एंट्री पाने की लालच में पिता और रिश्तेदारों को धमकी भरे खत की कहानी रची थी. 

क्या है पूरा मामला? 
मामला रामपुर के थाना शाहाबाद इलाके के अनवा गांव का है. यहां रहने वाले कुलदीप सिंह के घर पर बीती 21 जुलाई को ISIS के झंडे के साथ चार खत मिले थे. हर लिफाफे पर एक-एक व्यक्ति का नाम लिखा था. लेटर में गांव के लोगों को धमकी देकर पेन ड्राइव और नक्शा मांगा गया था. लेटर में भाषा और हैंड राइटिंग एक जैसी थी. समझ में आ रहा था कि सभी पत्र एक ही आदमी ने लिखे हैं. मज़मून भी एक ही था. इस लेटर के ऊपर ISIS लिखा हुआ था और जान से मारने की धमकी दी जा रही थी. इस बात की जानकारी होते ही IB और स्पेशल ब्रांच को इन्फॉर्म कर दिया गया था. इसके साथ ही अलग-अलग टीमें मामले की जांच में जुट गई थी. 

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IAS बनने के लिए बनाया था प्लान 
एसपी अशोक कुमार शुक्ला ने आज इस मामले में खुलासा कर दिया है. पुलिस ने कुलदीप के छोटे भाई भानु प्रताप सिंह के बेटे अवनेश सिंह को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, पीड़ित भानु के बेटे ने ही खत लिखे थे. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने पत्र इसलिए लिखा क्योंकि इस घटना की जानकारी होते ही आतंकवादियों में हरकत हो जाती. उनका मूवमेंट हो जाती और भारतीय एजेंसियों द्वारा आतंकवादी पकड़े जाते.

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आतंकवादियों के पकड़े जाने के बाद वह बताता कि ये सब उसने किया था और सरकार आरोपी को नोटिस कर लेती. ऐसा करके अवनेश को UPSC में एंट्री मिल जाती. वहीं, पुलिस ने भानु प्रताप के बेटे की हैंडराइटिंग और खरीदे गए कपड़े का मिलान कर लिया है. फिर भी आगे वो इसको फोरेंसिक लैब में चेक करवाएगी. एसपी अशोक कुमार शुक्ला ने आईजी, डीआईजी रेंज या एडीजी रेंज के स्तर से अनुरोध किया है कि मामले का खुलासा करने वाली टीम को 50 हजार रुपये का इनाम दिया जाए.

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