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Ayodhya News: अयोध्या में इंडोनेशिया-सिंगापुर समेत कई देशों की रामलीला का मंचन होगा, लगेगा राम दरबार

Ayodhya News: अयोध्या में इंडोनेशिया, सिंगापुर समेत कई दूसरे देशों की रामलीला का मंचन किया जाएगा. राम मंदिर उद्घाटन के बाद यहां राम दरबार भी लगेगा.

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Ayodhya Ram Mandir
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Ajeet Singh|Updated: Jan 02, 2024, 11:36 PM IST

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में न केवल राम मंदिर बनेगा, बल्कि यह देश और दुनिया में बड़े आध्यात्मिक केंद्र के तौर पर उभरेगा.उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में  मंगलवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रभु श्रीराम को वैश्विक आस्था के केंद्र के तौर पर प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा. अवधपुरी अयोध्या में देश-विदेश के 18 से ज्यादा रामलीला स्वरूपों का मंचन होगा. श्रीराम को केंद्र में रखकर विभिन्न सांस्कृतिक, पारंपरिक लोक कला व आध्यात्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा.

राम लीलाओं का होगा मंचन
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए मकर संक्रांति (15 जनवरी) से 22 जनवरी के बीच रामलीला प्रारूपों का मंचन सांस्कृतिक केंद्रों में किया जाएगा. अब जब 500 वर्षों के पश्चात नव्य अयोध्या सांस्कृतिक व आध्यात्मिक रूप से और समृद्ध दिखेगी, तो 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी के कर कमलों से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विरामजान होंगे. एक तरफ देश विदेश के कलाकार रामायण आधारित रामलीला की प्रस्तुति होगी वहीं लोकपरंपराओं पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. 

एक सूत्र में बांधने का प्रयास 
रामोत्सव के लिए नेपाल, कंबोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया देशों के रामलीला मंडलियों के कलाकारों को आमंत्रित किया गया. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ की मंडली भी श्रीराम के जीवन के प्रसंगों की प्रस्तुति देगी. तुलसी भवन स्मारक के तुलसी मंच पर रामलीलाओं का मंचन होगा. रामकथा पार्क के पुरुषोत्तम मंच, भजन-संध्या स्थल के सरयू मंच, तुलसी उद्यान के कागभुशुंडि मंच व तुलसी स्मारक भवन के तुलसी मंच पर रामलीला मंचन समेत विभिन्न सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व लोक कला आधारित कार्यक्रमों का मंचन किया जाएगा  
 
जनवरी में तेजी से चलेगी आध्यात्मिक यात्रा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठाधीश्वर भी हैं. आध्यात्मिक व्यक्तित्व होने के साथ अयोध्या में भी आध्यात्मिक ऊर्जा के संचार में सीएम योगी का महत्वपूर्ण योगदान है. उनके मार्गदर्शन में ही विभिन्न आध्यात्मिक नगरों में विकास की प्रगति ने उत्तर प्रदेश को नई पहचान दी है. अयोध्या में सांस्कृतिक औऱ आध्यात्मिक कार्यक्रमों को भी आस्था के सम्मान से जोड़कर देखा जा रहा है.

कार्यक्रमों में लोक परंपराओं को भी तरजीह दी जाएगी. जिन लोक परंपराओं ने समाज में प्रभु श्रीराम के आदर्शों को अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से जीवंत बनाए रखा है. जनवरी में लाखों श्रद्धालु अयोध्या और प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक, सांस्कृतिक शहरों की यात्रा करेंगे. उन्हें अयोध्या के खोए वैभव की छवि दिखाने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए अन्य प्रांतों के श्रद्धालुओं को अयोध्या में तीर्थस्थलों के दर्शन के साथ ही यहां की समृद्ध विरासत के साक्षात्कार के प्रयास किए जा रहे हैं.

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