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Ayodhya Ram Mandir: 5 साल के रामलला की प्रतिमा के लिए दिग्‍गज शिल्‍पकारों में होड़, ये मशहूर आर्किटेक्ट दौड़ में शामिल

श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर में स्‍थाई मूर्ति लगाने को लेकर मंथन शुरू कर दिया. देश के मशहूर मूर्तिकारों से प्रतिमा का मॉडल भेजने को कहा. 

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Ayodhya Ram Mandir: 5 साल के रामलला की प्रतिमा के लिए दिग्‍गज शिल्‍पकारों में होड़, ये मशहूर आर्किटेक्ट दौड़ में शामिल
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Zee Media Bureau|Updated: Jan 06, 2023, 06:47 PM IST

Ayodhya Ram Mandir: यूपी के अयोध्‍या में भगवान रामलला का बहुप्रतीक्षित मंदिर बन रहा है. बीते दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा में राम मंदिर के उद्घाटन की तारीखों का भी ऐलान कर दिया. अब श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर में स्‍थाई मूर्ति लगाने को लेकर मंथन शुरू कर दिया है. इसके लिए श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देश के माने-जाने मूर्तिकारों से भगवान रामलला के बाल स्‍वरूप मूर्ति के लिए मॉडल भेजने को कहा है. 

9 से 12 इंच की प्रतिमा के मॉडल मांगे 
दरअसल, मंदिर में स्‍थाई मूर्ति स्‍थापित करने से पहले उसके आकार-प्रकार और स्‍वरूप को लेकर भी मंथन किया जा रहा है. ट्रस्ट के सदस्यों की मानें तो जाने-माने मूर्तिकार सुदर्शन साहू और ओडिशा के वासुदेव कामथ, के.वी. कर्नाटक की मनिया और पुणे के शास्त्रज्य देउलकर 9 से 12 इंच की प्रतिमा के मॉडल भेजेंगे.

महाराष्ट्र, ओडिशा और कर्नाटक के पत्‍थरों का चयन 
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा क‍ि रामलला की मूर्ति तैयार करने के लिए महाराष्ट्र, ओडिशा और कर्नाटक के पत्थरों का चयन किया गया है. ट्रस्ट मॉडल को अंतिम रूप देने के बाद पत्थरों को मंजूरी देगा. उन्होंने कहा कि प्रतिमा की ऊंचाई करीब 8.5 फुट से नौ फुट होगी, ताकि सूर्य की किरणें पड़ सकें.

रामलला के माथे पर पड़े सूरज की रोशनी 
ट्रस्ट ने देश के शीर्ष संस्थानों को वास्तुकला और भवन डिजाइन में विशेषज्ञता के साथ राम मंदिर गर्भगृह को इस तरह से तैयार करने के लिए तैयार किया है कि हर रामनवमी पर दोपहर बारह बजे भगवान के जन्म पर रामलला के माथे पर सूरज की रोशनी पड़े.

5 वर्ष के बालक स्‍वरूप भगवान रामलला की होगी मूर्ति 
बता दें कि भगवान रामलला की मूर्ति आकाशीय यानी कि आसमानी ग्रे रंग के पत्थर से बनाई जाएगी. मूर्ति 5 वर्ष के बालक स्वरूप भगवान रामलला की होगी, जो खड़ी अवस्था में होगी. इसके लिए मूर्ति विशेषज्ञों की राय लेकर पहले चित्र बनाया जाएगा और फिर मूर्ति के छोटे-छोटे प्रारूप बनाकर ट्रस्ट के सामने उन्हें रखा जाएगा. सबसे आकर्षक प्रारूप की मूर्ति भगवान रामलला की अस्थाई मूर्ति के तौर पर चयनित की जाएगी.

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