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Mann Ki Baat : हरदोई के जतिन की लाइब्रेरी के मुरीद हुए पीएम मोदी, मन की बात में कही ये बड़ी बात

हरदोई के जतिन ललित अपने क्षेत्र में एक लाइब्रेरी के जरिए शिक्षा की अलख जगा रहे. पीएम मोदी ने उनके इस कार्य की सराहना की है. 

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Mann Ki Baat : हरदोई के जतिन की लाइब्रेरी के मुरीद हुए पीएम मोदी, मन की बात में कही ये बड़ी बात
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Zee Media Bureau|Updated: Nov 27, 2022, 10:26 PM IST

आशीष द्विवेदी/हरदोई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रविवार को मन की बात (Mann Ki Baat) में हरदोई जिले के एक गांव में बनी कम्युनिटी लाइब्रेरी का जिक्र किया. अधिवक्ता के कार्य की जमकर सराहना की. दरअसल, कोरोना काल में एलएलबी (LLB) की पढ़ाई कर रहे एक छात्र जतिन ललित ने अपने गांव में कम्युनिटी लाइब्रेरी की स्थापना की थी. 

3 हजार से ज्‍यादा पुस्‍तकें मौजूद हैं 
जतिन ललित ने मंदिर परिसर में स्थित लाइब्रेरी में एक क्लास रूम भी बनाया है. इसमें 50 बच्चे बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं. लाइब्रेरी में गांव के बच्चों के अलावा करीब 40 बच्चे सुदूर क्षेत्रों से आकर लाइब्रेरी में पढ़ाई कर विभिन्‍न परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. जतिन के प्रयासों से आज लाइब्रेरी में 3 हजार से ज्‍यादा पुस्तकें हैं. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जतिन ललित के काम की सराहना की. 

कोरोना काल में दिल्‍ली से गांव आना पड़ा था  
मल्लावां के बांसा गांव के रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता जतिन ललित सिंह ने इस कम्युनिटी लाइब्रेरी की शुरुआत 2020 में कोरोना काल के दौरान की थी. जतिन उस समय दिल्ली में गलगोटिया से एलएलबी की पढ़ाई कर रहे थे. वह वहां की द कम्युनिटी लाइब्रेरी प्रोजेक्ट में अक्सर जाते थे. इसके बाद जतिन ने इसी तरह से एक लाइब्रेरी अपने गांव में भी खोलने की सोची. 

50 से 60 किताबों से शुरू की थी लाइब्रेरी 
दिसंबर 2020 में कोरोना के चलते जतिन अपने गांव आ गए. यहां गांव में रामदरबार मंदिर परिसर में सार्वजनिक उपयोग की भूमि को 99 साल की लीज पर लेकर उन्होंने एक हॉल और क्लास रूम बनवाया. इसमें 50 से 60 किताबें रखकर कम्युनिटी लाइब्रेरी की शुरुआत कर दी. जतिन के प्रयासों से लाइब्रेरी में जिले के कई इलाकों के लोगों ने पुस्तकें दान कीं तो वहीं दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, अहमदाबाद समेत देश के विभिन्न हिस्सों से भी लोगों ने पुस्तकें भेजीं. 

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लाइब्रेरी में 17 सौ से अधिक मेंबर 
आज इस लाइब्रेरी में हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू की करीब 3000 से अधिक पुस्तकें मौजूद हैं. लाइब्रेरी के आज 1700 से अधिक मेंबर हैं, इनमें 3 साल से लेकर 76 साल के बुजुर्ग शामिल भी हैं. जतिन के मुताबिक, प्रधानमंत्री के मन की बात में बांसा लाइब्रेरी का जिक्र आना उनके लिए गर्व की बात है, इससे लोग लाइब्रेरी के महत्व को समझेंगे साथ ही अन्य जो लोग लाइब्रेरी शुरू करना चाहते हैं, उन्हें भी इससे प्रेरणा मिलेगी. 

 

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