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पैसों का रौब जमा रहा था अफसर, प्रेमानंद जी महाराज ने बोलती कर दी बंद, वीडियो वायरल

Premanand ji Maharaj :  प्रेमानंद जी महाराज राधा रानी के परम भक्‍तों में से एक हैं. सोशल मीडिया पर प्रेमानंद जी के प्रवचन का वीडियो खूब वायरल होता रहता है. हाल ही में एक और वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें प्रेमानंद जी महाराज किसी अधिकारी को फटकार लगाते हुए दिख रहे हैं. प्रेमानंद जी के विचार सुनकर अधिकारी की बोलती बंद हो जताी है.  

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Premanand ji Maharaj
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Zee News Desk|Updated: Jul 21, 2023, 11:48 PM IST

Premanand ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज को आज कौन नहीं जानता. प्रेमानंद जी महाराज राधा रानी के परम भक्‍तों में से एक हैं. सोशल मीडिया पर प्रेमानंद जी के प्रवचन का वीडियो खूब वायरल होता रहता है. हाल ही में एक और वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें प्रेमानंद जी महाराज किसी अधिकारी को फटकार लगाते हुए दिख रहे हैं. प्रेमानंद जी के विचार सुनकर अधिकारी की बोलती बंद हो जताी है.  

देश-विदेश में भक्‍त 
बता दें कि प्रेमानंद जी महाराज के भक्‍त देश ही नहीं विदेश में भी हैं. आए दिन उनके भक्‍त महाराज जी से मिलने आते रहते हैं. पिछले दिनों महाराज जी से मिलने एक अफसर आए थे. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि अफसर महाराज को अपने पद के बारे में बताते हुए अपना परिचय पत्र आगे बढ़ाता है. 

अफसर की बोलती बंद कर दी 
इतना ही नहीं अफसर ने कहा कि वह कुछ दान करना चाहते हैं और इसी विषय में महाराज ने इस धनी अफसर की बोलती बंद कर दी. अफसर ने सबसे पहले प्रेमानंद महाराज को अपना परिचय दिया और कहा वो टीम के लिए आपका आशीर्वाद चाहते हैं. साथ ही उनसे अपना कार्ड देते हुए कहा कि मैं कुछ दान करना चाहते था लेकिन मना कर दिया है. 

शॉल देने की इच्‍छा की 
वहीं जब इस अफसर ने अपने पैसों का जोर दिखाया और प्रेमानंद जी महाराज को शॉल देने की इच्‍छा जाहिर की. इस पर प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि हम वैरागी हैं. भागवत मार्ग के पथिक हैं और हमें जितना वस्त्र चाहिए उतना है. जब हमें कोई अपना परिचय देता है तो हमारे किस काम का है ये सुनने के लिए बाबा नहीं बने हैं. हम तुम्हे सुनाने के लिए बैठे हैं और ये बताने के बैठे हैं कि तुम्हारा मंगल कैसे होगा. 

अध्‍यात्‍म से शुरू हुआ जीवन 
इतना ही नहीं काम पर विजय कैसा होगा, क्रोध विजय कैसे बनो ये हमारा मार्ग नहीं है. इसी के साथ प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि इस स्थान को हमने अध्‍यात्‍म में शुरू किया और अध्‍यात्‍म में ही इसका विसर्जन होगा, चाहे हमारे प्राण चले जाए, हमारे प्राण प्रभु के लिए समर्पित है. महाराज ने कहा कि हम जिस मार्ग के लिए बैठे हैं हमें उसका ही आनंद लेने दीजिए. 

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