trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand01322186
Home >>Uttar Pradesh

ट्विन टावर के खिलाफ 11 साल लंबी कानूनी जद्दोजहद, कैसे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला, जानें पूरी TIMELINE

Noida Twin Tower Demolition: ट्विन टावर के ध्वस्त करने की तारीख आ गई है. रविवार को दोपहर 2.30 बजे भ्रष्टाचार की बनी इमारत का विध्वंस हो जाएगा.  

Advertisement
फाइल फोटो.
Stop
Zee Media Bureau|Updated: Aug 27, 2022, 04:44 PM IST

Noida Twin Towers Demolition: नोएडा के सेक्टर 93 ए में सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) 28 अगस्त को जमींदोज कर दिए जाएंगे. इन टावरों को गिराने के लिए सोसायटी में रहने वाले आम लोगों ने 11 साल लंबी लड़ाई लड़ी है. पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court)  और फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इन टावर्स को अवैध मानकर उन्हें गिराने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 31 अगस्त को ही ट्विन टावर को गिराने का आदेश जारी कर दिया था, लेकिन तैयारियां पूरी ना हो पाने के कारण इसकी तारीख बढ़ा दी गई थी. बिल्डिंग को गिराने के लिए लगभग 3,700 किलो विस्फोटक लगाया गया है. कल यानी रविवार को दोनों इमारतें 9 सेकंड में ध्वस्त कर दी जाएंगी. 

क्यों टूट रही है बिल्डिंग?
सुपरटेक की दोनों बिल्डिंग्स को ट्विन टावर्स बोला जाता है. ये बिल्डिंग्स नोएडा सेक्टर 93 यानी एक्सप्रेस-वे की तरफ स्थित हैं. इनका नाम है, एमरल्ड कोर्ट ट्विन टावर्स. जानकारी के मुताबिक, इन टावर्स में 950 फ्लैट बनाए जाने थे. मौजूदा समय में एक टावर 32 माले का है, जबकि एक 29 का है. सैकड़ों फ्लैट बुक हो चुके थे. टावर्स को तोड़ने के आदेश इसलिए दिए गए क्योंकि ये एक अवैध कंस्ट्रक्शन था. यह कंस्ट्रक्शन सुपरटेक बिल्डर और नोएडा अथॉरिटी की मिलीभगत से किया गया था. जिस जमीन पर दोनों टावर बने हैं, दरअसल वो जगह एक पार्क बनाने के लिए थी. हालांकि जमीन सुपरटेक की ही थी, लेकिन पार्क वाली जगह पर अवैध तरीके से दोनों टावर बनवाए गए थे. 

एक नजर में देखिए अब तक की पूरी टाइमलाइन
2004:
सेक्टर 93 ए नोएडा में एक हाउसिंग सोसाइटी, 'सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट' का काम प्रस्तावित हुआ. जिसके लिए नोएडा के अधिकारियों ने 48,263 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया. 

2005: न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण, नोएडा ने सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट परियोजना के लिए भवन योजना को मंजूरी दी. जिसके तहत कुल 9 मंजिलों के साथ 14 टावरों और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण को मंजूरी दी गई थी. 

2005: नवंबर 2005 में ही सुपरटेक लिमिटेड ने एमराल्ड कोर्ट (Emerald Court) नाम से एक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी का निर्माण शुरू किया.

2006: जून में सुपरटेक को उन्हीं शर्तों के तहत अतिरिक्त जमीन आवंटित कर दी गई. दरअसल, सुपरटेक को लीज पर 6,556.51 वर्ग मीटर का अतिरिक्त क्षेत्र आवंटित किया गया, जिससे कुल लीज क्षेत्र 54,819.15 वर्ग मीटर हो गया. 

2009: एमराल्ड कोर्ट के लिए पहली संशोधित योजना को मंजूरी दी गई. मंजिलों की संख्या बढ़ाकर 11 (जी+11) कर दी गई. दो अतिरिक्त टावर T-15, T-16 और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को भी मंजूरी दी गई. 

Twin Tower Demolition: नोएडा के ट्रैफिक प्लान में बदलाव, जानें कहां किया गया बदलाव

 

2009: सुपरटेक ने नोएडा प्राधिकरण के साथ मिलीभगत कर ट्विन टावर का निर्माण शुरू कर दिया. ये टावर T-16 और T-17 (Apex और Ceyane) थे.फ्लैट बायर्स ने 2009 में आरडब्ल्यूए बनाया. दोनों टावरों को लेकर विरोध शुरू हुआ. क्योंकि उनकी सोसाइटी के ठीक सामने, जिसे नोएडा अथॉरिटी ने पहले ग्रीन बेल्ट बताया था, वहां दो विशालकाय टावर खड़े हो रहे थे. ट्विन टावर के अवैध निर्माण को लेकर आरडब्ल्यूए सबसे पहले नोएडा अथॉरिटी पहुंचा. यहां सुनवाई नहीं हुई. 

दिसंबर 2012: एमराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. करीब डेढ़ साल तक हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई चली. 

अप्रैल 2014: 11 अप्रैल 2014 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ट्विन टावर्स को अवैध करार करते हुए उन्हें गिराने का आदेश दिया.  कोर्ट ने आरोपी नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही थी. 

2021: इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुपरटेक सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां करीब 7 साल तक पूरा मामला चला. लेकिन सुपरटेक को राहत नहीं मिली. 

2021: सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को झटका देते हुए 31 अगस्त को इमारतों को तीन महीने के अंदर गिराने का आदेश जारी किया. हालांकि कुछ कारणों से इसकी तारीख तीन बार आगे बढ़ाई गई. 

28 अगस्त, 2022: सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराया जाना निर्धारित किया. 

Twin Tower Demolition Video: कुछ इस तरह से गिरेगा ट्विन टावर, देखिए विदेशों में कैसे गिराई गई सैंकड़ों फीट ऊंची बिल्डिंग

Read More
{}{}