trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand01335864
Home >>Uttar Pradesh

महाराजगंज: बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे मदरसे के शिक्षक, नहीं पता PM-CM का नाम, साइंस का नहीं जानते मतलब

Maharajganj Madarsa Teachers Knowledge: जब शिक्षकों के ज्ञान का स्तर जानने की कोशिश की गई, तो हैरान करने वाले जवाब मिले. कोई शिक्षक मनमोहन सिंह को पीएम बता रहा है तो किसी को जनवरी-फरवरी की स्पेलिंग नहीं आती. पढ़ें खबर-

Advertisement
महाराजगंज: बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे मदरसे के शिक्षक, नहीं पता PM-CM का नाम, साइंस का नहीं जानते मतलब
Stop
Zee Media Bureau|Updated: Sep 04, 2022, 10:26 PM IST

अमित त्रिपाठी/महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में मान्यता प्राप्त मदरसों का हाल बेहाल दिख रहा है. बताया जा रहा है कि यहां पर बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों में भी ज्ञान की भारी कमी देखी गई है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फैसला लिया था. सरकार का मानना है कि गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने के पीछे मकसद मदरसों की शिक्षा व्यवस्था बेहतर करना है. सर्वे में पता लगाया जाएगा कि मदरसों का वित्त पोषण कहां से हो रहा है और पढ़ाई का क्या स्तर है. किस जिले में कितने गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, किस मदरसे में कितने बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं. वहीं सरकार के द्वारा सर्वे की घोषणा के बाद जब महाराजगंज के भारत-नेपाल सीमा पर स्थित मदरसे का रियलिटी चेक किया गया तो वहां पर शिक्षा का स्तर पता चला. जिस मदरसे में शिक्षक को बेसिक चीजें नहीं मालूम हैं, वहां के छात्र उन शिक्षक से क्या तालीम लेंगे? यह एक बड़ा सवाल है.

यह भी पढ़ें: जालौन: Ola की डीलरशिप देने के नाम पर की लाखों रुपये की लगाई चपत, बिहार से पकड़ा गया साइबर ठग

सवाल का जवाब नहीं पता, तो कैमरे पर हंसते दिखे शिक्षक
महाराजगंज में भारत-नेपाल सीमा के पास नौतनवा में संचालित मान्यता प्राप्त मदरसे की स्थिति शिक्षा की गुणवत्ता और व्यवस्थाओं का जायजा लिया, तो हालात कुछ और मिले. ताज्जुब की बात तब हो गई, जब मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षकों को देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के शिक्षामंत्री तक का नाम नहीं पता था. यहां तक कि जिले के अधिकारियों के बारे में भी मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षक कोई जानकारी नहीं दे पाए. सिर्फ प्रश्नों पर कैमरे के सामने हंसते नजर आए. 

प्रधानाचार्य के ज्ञान का है यह हाल...
जब मदरसे के कार्यवाहक प्रधानाचार्य अब्दुल्ला से पूछा गया कि यहां पर किन-किन विषयों की पढ़ाई होती है तो उन्होंने बताया उर्दू, हिन्दी, अंग्रेजी, अरबी, मैथ और साइंस सभी विषय पढ़ाए जाते हैं. लेकिन, जब उनसे यह पूछा गया कि साइंस को हिन्दी में क्या कहते हैं तो हैरान-परेशान से दिखने लगे और जवाब न दे पाने पर पर हंसने लगे. बाद में उन्होंने कहा कि हमसे उर्दू में पूछें, हम उर्दू में बता पाएंगे. 

यह भी पढ़ें: जिस तरह भारत कांग्रेस मुक्त हुआ, उसी प्रकार यूपी होगा सपा-बसपा मुक्त: डिप्टी सीएम मौर्य

देश के प्रधानमंत्री का नाम मनमोहन सिंह बता रहे हैं शिक्षक
बात यहीं पर खत्म नहीं होती... जब शिक्षकों के ज्ञान का स्तर जानने के लिए उर्दू के शिक्षक से यह जानने का प्रयास किया गया कि इस समय भारत के प्रधानमंत्री कौन हैं तो उन्होंने फटाक से जवाब दिया कि मनमोहन सिंह... अब आप सोच सकते हैं कि जिस शिक्षक को यह नहीं पता कि भारत का प्रधानमंत्री कौन है, वह मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को क्या तालीम देगा? 

इंग्लिश टीचर को जनवरी की स्पेलिंग नहीं पता
जब मदरसे में पढ़ाने वाले अंग्रेजी के शिक्षक से सवाल किया गया कि जनवरी और फरवरी की स्पेलिंग क्या है, तो उन्होंने वह जवाब भी गलत दिया. यह सवाल तो पहली कक्षा का बच्चा भी दे देगा. 

यह भी पढ़ें: UP Weather Update: अगस्त के मुकाबले सितंबर में होगी ज्यादा बारिश, इन 14 जिलों में अलर्ट

मदरसे के बच्चों पर पड़ रहा बुरा असर
अब आप सोच सकते हैं कि जिस सरकारी मदरसे में शिक्षक के ज्ञान की स्थिति यह है, वहां छात्रों की स्थिति क्या होगी. बच्चों से जब उनके लेवल के सवाल किए गए तो या तो वह गलत जानकारी दे रहे थे या फिर चुप बैठे थे. मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे ना तो अपने जिले का नाम बता पाए, ना ही जिलाधिकारी का. देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री का भी नाम उन्हें नहीं पता था. 

आगरा: खनन माफिया के दर्जनों ट्रैक्टर के सामने डटे रहे टोलकर्मी, फिर जो हुआ.. देख उड़ जाएंगे होश

 

Read More
{}{}