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Exclusive: महंत Narendra Giri का Suicide Note पढ़ें, सबसे पहले ZEE यूपी-उत्तराखंड पर

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी.

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Exclusive: महंत Narendra Giri का Suicide Note पढ़ें, सबसे पहले ZEE यूपी-उत्तराखंड पर
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Pawan Singh Sengar|Updated: Sep 21, 2021, 09:22 PM IST

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उनका शव प्रयागराज के अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ के कमरे में फांसी के फंदे से लटकता मिला था. पुलिस ने शुरुआती जांच में इसे खुदकुशी का मामला बताया है. पुलिस को मौके से 8 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ था, सुसाइड नोट में तीन लोगों का नाम लिखा है. जिसमें शिष्य आनंद गिरी, लेटे हुए हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उनके पुत्र संदीप तिवारी का नाम है. 

सुसाइड नोट अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के लेटर हेड पर लिखा गया है. लेटर पर कई जगहों पर शब्दों और लाइनों को काटा गया और बाद में दोबारा लिखा गया. इस सुसाइड नोट में उन्होंने बताया है कि वे कैसे आनंद गिरि से मानसिक तौर पर परेशान रहते थे. उन्होंने डिप्रेशन में होने की बात लिखी. उन्हें आशंका थी कि आनंद गिरि किसी महिला के साथ उनकी फोटो जोड़कर वायरल कर सकता था. इसके अलावा उनका साथ देने वाले, उनकी सेवा और मदद करने वालों का भी जिक्र किया है. इसके साथ ही उन्होंने बलबीर पुरी को उत्तराधिकारी बनाने की भी बात कही है. 

नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट की अहम बातें

1. मंहत नरेंद्र गिरी ने यह सुसाइड नोट 13 तारीख को ही लिख दिया था. लेकिन तारीख को काट कर फिर 20 सिंतबर लिखा गया है. 

2. सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं 13 सिंतबर को आत्महत्या करना चाहता था, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाया. 

3. उन्होंने सुसाइड नोट में पांच बार मौत के जिम्मेदार लोगों का नाम लिखा है. इसमें आनंद गिरी, आद्या तिवारी, संदीप तिवारी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है. 

4. उन्होंने नोट में किसी लड़की के साथ फोटो वायरल करने की धमकी देने की भी बात लिखी है. 

5. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने सुसाइड नोट के जरिये नींबू के पेड़ के पास समाधि बनाए जाने की अपनी आखिरी इच्छा जाहिर की है. 

6. नरेंद्र गिरी ने यह भी लिखा है कि मठ का एक भी पैसा अपने घर नहीं दिया. मठ का पैसा, मठ में ही लगाया है. 

यहां पढ़ें सुसाइड नोट-

 

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