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Balrampur News: बलरामपुर में अवैध मदरसों की आई बाढ़, मिले 389 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलरामपुर (Balrampur) जिले में अवैध मदरसों (Unrecognized Madrassas) या बिना मान्यता के चल रहे मदरसों के सर्वे का काम खत्म हो गया है.

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Balrampur News: बलरामपुर में अवैध मदरसों की आई बाढ़, मिले 389 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे
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Zee Media Bureau|Updated: Nov 25, 2022, 02:34 AM IST

बलरामपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलरामपुर (Balrampur) जिले में अवैध मदरसों (Unrecognized Madrassas) या बिना मान्यता के चल रहे मदरसों के सर्वे का काम खत्म हो गया है. जिला प्रशासन व अल्पसंख्यक विभाग ने प्रदेश सरकार, मदरसा बोर्ड व अल्पसंख्यक मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट फाइल कर दी है. 

इन ब्लॉक में मिले बिना मान्यता प्राप्त मदरसे
दरअसल, जिले के बलरामपुर सदर, तुलसीपुर व गैंसड़ी ब्लॉक में बिना मान्यता के मदरसों की बाढ़ सी आ गई है. आपको बता दें कि बलरामपुर सदर ब्लॉक में 56, हरैया सतघरवा में 19, श्रीदत्तगंज ब्लॉक में 12, तुलसीपुर ब्लॉक में 56, गैसड़ी ब्लॉक में 121, पचपेड़वा ब्लॉक में 19, गैंडास बुजुर्ग ब्लॉक में 26, उतरौला में 34 और सादुल्लाह नगर रेहरा बाजार ब्लॉक में 36 अवैध मदरसे पाए गए हैं.

गैसड़ी ब्लॉक में मिले सर्वाधिक 121 बिना मान्यता मदरसे  
इस तरह जिले में 389 मदरसे बिना मान्यता के चलते पाए गए हैं, जिले के गैसड़ी ब्लॉक में सर्वाधिक 121 मदरसे बिना मान्यता के संचालित होते पाए गए हैं. इनमें से कुछ मदरसे तो ग्राम समाज की जमीन पर बनाए गए हैं, जबकि कुछ मदरसे निजी भूमि ऊपर भी बनाए गए हैं. कुछ के लिए ग्राम समाज में स्थापित मस्जिद की जमीन का प्रयोग किया गया है. इसके साथ ही नेपाल बॉर्डर से सटे इलाकों में भी बिना मान्यता के मदरसे कई साल से मस्जिदों के भवनों या निजी भवनों में संचालित हो रहे हैं.

बघेलखंड गांव नेपाल बॉर्डर से महज 6 किलोमीटर दूर 
जिले के सुदूर बघेलखंड इलाके में एक ऐसा ही मदरसा संचालित होता दिखा. इस मामले में गांव वालों ने बताया कि मदरसा अहले-सुन्नत नासिरुल उलूम बघेलखंड पिछले 30 वर्षों से संचालित किया जा रहा है. यह मदरसा एक मस्जिद के भवन में संचालित हो रहा है. उन्होंने बताया कि गांव वालों द्वारा ही इस मदरसे के लिए चंदा इकट्ठा किया जाता है. उसी से 5-60 बच्चों को 5वीं तक की शिक्षा दी जाती है. आपको बता दें कि बघेलखंड गांव नेपाल बॉर्डर से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर है.

मदरसों को मिलने वाले फण्ड से कोई साजिश तो नहीं रची जा रही?
भारत-नेपाल की सीमा पर स्थित बलरामपुर जिला नेपाल राष्ट्र से 86 किलोमीटर की सीमा साझा करता है. यह सीमा पूरी तरह से खुली हुई है, जिस पर आना-जाना आसान है. इस लिए यहां सतर्कता और बढ़ जाती है. मदरसा सर्वे के जरिए सरकार यह भी पता करने की कोशिश कर रही है कि कहीं मदरसों को मिलने वाले फण्ड के जरिए, देश के भीतर कोई साजिश तो नहीं रची जा रही है.

कुल 462 मदरसे हैं सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त 
आपको बता दें कि जिले में कुल 462 सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त या रजिस्टर्ड मदरसे हैं. जिले में स्थित 25 मदरसे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुदानित हैं. मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 153 बताई जा रही है, जबकि जिले में 284 मदरसा आधुनिकीकरण योजना से जुड़े हुए हैं. इनमें साइंस, मैथ्स और अन्य आधुनिक विषयों के लिए तैनात शिक्षकों का पैसा सरकार देती है. जिले में मदरसा सर्वे का काम पूरा हो चुका है. अब देखना होगा कि सरकार द्वारा इन गैर मान्यता प्राप्त या अवैध मदरसों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है.

जिलाधिकारी ने दी जानकारी 
इस मामले में जिलाधिकारी डॉ महेंद्र कुमार ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिले में जो मदरसे बिना मान्यता प्राप्त के मिले हैं, उनके खिलाफ सरकार द्वारा जिस तरह से निर्देशित किया जाएगा, वह कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, इतनी बड़ी संख्या में बिना मान्यता प्राप्त मदरसे मिलने से हड़कंप मच गया.

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