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135 साल के इतिहास में पहली बार आज कांग्रेस विहीन हो जाएगी यूपी विधानपरिषद, नहीं होगा एक भी एमएलसी

उत्तर प्रदेश में Congress बुरे दौर से गुजर रही है. हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में जहां उसके सिर्फ 1 उम्‍मीदवार ने जीत हासिल की तो वहीं यानि 6 जुलाई को विधानपरिषद पूरी तरह कांग्रेस विहीन हो जाएगी...  

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135 साल के इतिहास में पहली बार आज कांग्रेस विहीन हो जाएगी यूपी विधानपरिषद, नहीं होगा एक भी एमएलसी
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Preeti Chauhan|Updated: Jul 06, 2022, 03:31 PM IST

विशाल सिंह/लखनऊ: आज उत्‍तर प्रदेश की विधान परिषद (Legislative Council of Uttar Pradesh) में इतिहास का महत्वपूर्ण दिन होगा. बुधवार, 6 जुलाई को देश की सबसे पुरानी राजनीत‍िक पार्टी की संख्‍या शून्य पर आकर ट‍िक जाएगी. साल 1935 के बाद पहली बार ऐसा होगा जब कांग्रेस पार्टी (Congress)  का यूपी विधान परिषद में एक भी सदस्य नहीं होगा. प्रदेश विधान मण्डल के इस उच्च सदन कांग्रेस के एकमात्र सदस्य दीपक सिंह (Deepak Singh) आज रिटायर हो रहे हैं.

विधान परिषद के जो नौ सदस्य 6 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं, उनमें 6 समाजवादी पार्टी  के 3 बसपा पार्टी (BSP) के एक कांग्रेस और दो भाजपा (BJP)  के सदस्य हैं. बीजेपी के 2 सदस्य डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह फिर से विधान परिषद के चुनाव में विजयी होकर सदन के सदस्य हो गए हैं.

आज खत्म हो जाएगा कार्यकाल
विधान परिषद में सपा के जगजीवन प्रसाद, बलराम यादव, डा.कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, राम सुन्दर दास निषाद और शतरूद्र प्रकाश का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है. इनके अलावा बसपा के अतर सिंह राव, सुरेश कुमार कश्यप और दिनेश चंद्रा का कार्यकाल भी आज खत्म हो रहा है. कांग्रेस के दीपक सिंह भी विधान परिषद के सदस्य नहीं रहेंगे. ऐसे में कांग्रेस के लिए विधान परिषद में कोई भी नेता पार्टी का पक्ष रखने वाला नहीं रहेगा.

इनका कार्यकाल होगा शुरू
13 नए सदस्यों का कार्यकाल कल से शुरू हो जाएगा जिनमें, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मंत्री जेपीएस राठौर, मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह,  मंत्री नरेन्द्र कश्यप, राज्य मंत्री जसवंत सिंह सैनी, मंत्री दयाशंकर मिश्र और राज्यमंत्री दानिश आजादी अंसारी के अलावा मुकेश शर्मा और बनवारी लाल दोहरे और सपा के स्वामी प्रसाद मौर्य, मुकुल यादव, सहारनपुर के शाहनवाज खान और सीतापुर के पूर्व विधायक जासमीर अंसारी का भी कार्यकाल कल से ही शुरू होगा. अभी भी विधान परिषद में आठ सीट खाली रह गईं हैं.

5 जनवरी 1887 को हुई थी प्रात की पहली विधान परिषद गठित
पांच जनवरी 1887 को प्रांत की पहली विधान परिषद गठित हुई थी और 8 जनवरी 1887 को थार्नाहिल मेमोरियल हाल इलाहाबाद में संयुक्त प्रांत की पहली बैठक हुई थी. तब से अब तक कभी ऐसा नहीं हुआ जब विधान परिषद में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाला न रहा हो.  

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