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Kasganj: लापता बच्चे के मिलते ही बच्चे को अपना बताने पहुंचे दो-दो बाप, जानिए पूरा मामला

Kasganj News: 17 दिन पहले लापता बच्चे के एक से ज्यादा दावेदार सामने आ गए हैं. धौरिका गांव के नेकराम अपना बच्चा बता रहे हैं. वहीं, कुतुबपुर गांव के नीलेश मिले बच्चे को अपना बता रहे हैं. अब प्रशासन के सामने धर्म संकट खड़ा हो गया है. बच्चे की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. 

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Kasganj: लापता बच्चे के मिलते ही बच्चे को अपना बताने पहुंचे दो-दो बाप, जानिए पूरा मामला
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Zee Media Bureau|Updated: Sep 12, 2022, 01:19 AM IST

गौरव तिवारी/कासगंज: यूपी के कासगंज में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां 17 दिन पहले लापता बच्चे के मिलने के बाद विवाद शुरू हो गया. बच्चे के एक से ज्यादा दावेदार सामने आ गए हैं और उसे अपना बेटा बता रहे हैं. इसके बाद प्रशासन ने बालक का डीएनए कराने का निर्णय लिया है. फिलहाल, बालक को शिशु गृह आगरा भेज दिया गया है.

यह है पूरा मामला
दरअसल, कासगंज के सहावर थाना क्षेत्र के ग्राम धौरिका से  25 अगस्त को एक बालक अचानक लापता हो गया था. वह बच्चा 26 अगस्त को कासगंज में रेलवे फाटक के फतेहपुर गांव के अवनीश को मिला. जिसके बाद अवनीश बच्चे को अपने साथ घर ले आया. अवनीश ने मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस और चाइल्डलाइन को दी. सूचना पर पहुंची चाइल्डलाइन की टीम बच्चे को अपने साथ ले गई. इसके बाद बच्चे का मेडिकल परीक्षण कराया गया. परीक्षण में बालक की आयु लगभग 6 साल निकली.

बच्चे को परिजनों से मिलाने के लिए सोशल मीडिया से तलाश
चाइल्ड लाइन ने बच्चे को उसके परिजनों से मिलाने के लिए सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से प्रयास शुरू कर दिए. चाइल्ड लाइन की टीम को जानकारी मिली की ग्राम धौरिका से 25 अगस्त को एक बच्चा लापता हो गया था, जिसके बाद चाइल्डलाइन की टीम लापता बालक के घर पहुंची और बालक को दिखाया तो उन्होंने बालक को अपना बताते हुए बालक का नाम अमित बताया.

सोशल मीडिया पर फैलाया गया मैसेज
सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चे की मिलने की सूचना प्रसारित की गई. लगातार चाइल्डलाइन की टीम इसे सोशल मीडिया पर प्रसारित करती रही. इस मैसेज को देख कासगंज के ग्राम कुतुबपुर मेला से भी वर्ष 2019 में एक 2 वर्ष के बालक के गायब होने की जानकारी मिली. मेला से गायब बच्चे के परिजनों के अनुसार बालक अपनी बहन के साथ मेला गया हुआ था. तभी कुछ लोगों बालक को लेकर फरार हो गए. लापता बच्चे का नाम मयंक बताया जा रहा है.

धर्म संकट में जिला प्रशासन, आखिर किसका बच्चा?
आपको बता दें कि धौरिका गांव के नेकराम अपना बच्चा बता रहे हैं. वहीं, कुतुबपुर गांव के नीलेश मिले बच्चे को अपना बता रहे हैं. अब प्रशासन के सामने धर्म संकट खड़ा हो गया है कि आखिर 26 अगस्त को बरामद बच्चा मयंक है या अमित. बच्चे की पहचान के लिए प्रशासन ने निर्णय लिया कि डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. फिलहाल, चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चे को शिशु गृह आगरा भेज दिया है.

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