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Jaunpur: अटाला मस्जिद की जगह पहले था सैकड़ों साल पुराना अटाला मंदिर, पुरातत्व विभाग की टीम ने किया सर्वे

Jaunpur News: जौनपुर के अटाला मस्जिद का विवाद बढ़ता नजर आ रहा है. इस मामले में पुरातत्व विभाग की टीम ने आलाधिकारियों की उपस्थिति में अटाला मस्जिद पहुंचकर पड़ताल किया.

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Jaunpur: अटाला मस्जिद की जगह पहले था सैकड़ों साल पुराना अटाला मंदिर, पुरातत्व विभाग की टीम ने किया सर्वे
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Zee Media Bureau|Updated: Sep 14, 2022, 10:49 AM IST

जौनपुर: इतिहास के पन्नों में दर्ज जौनपुर के शाही अटाला मस्जिद एक बार फिर चर्चाओं में है. ऐसा दावा है कि मुगलकाल से पहले ये अटाला देवी का मंदिर हुआ करता था. बता दें कि वर्तमान समय में काशी विश्वनाथ परिसर स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद सबके सामने है. ज्ञानवापी को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है. इन सबके बीच जौनपुर का अटाला मस्जिद विवाद बढ़ता नजर आ रहा है. इस मामले में पुरातत्व विभाग की टीम ने आलाधिकारियों की उपस्थिति में अटाला मस्जिद पहुंचकर जांच पड़ताल की.

हिंदू धर्मावलंबियों ने जताई थी आपत्ति
आपको बता दें कि कई हिंदू धर्मावलंबियों द्वारा अटाला मस्जिद को अटाला देवी मंदिर होने का दावा किया जा रहा है. उनके मुताबिक मुगल काल से पहले अटाला देवी मंदिर था. शायद इसीलिए कुछ दिनों पहले मस्जिद के अंदर चल रहे काम को हिंदू धर्मावलंबियों ने आपत्ति जताते हुए काम रोक दिया गया था. दावा था कि मंदिर के साक्ष्यों को मिटा जा रहा था. जिसके बाद आनन-फानन में पुरातत्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आलाधिकारियों की उपस्थिति में जांच पड़ताल की गई.

क्या मंदिर होने के साक्ष्यों को खत्म किया जा रहा?
अब जौनपुर की अटाला मस्जिद को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. बड़ा सवाल ये है कि आखिर मस्जिद को किसने बनवाया? सोशल मीडिया पर लगातार इस मामले से जुड़े पोस्ट किए जा रहे हैं. पोस्ट में दावा किया गया हैं कि अटाला मस्जिद के उत्तरी गेट की बालकनी को ढककर दीवारों पर लगे पत्थरों को घिसा जा रहा है. ताकि वो चिकने हो जाए. दावा है कि मंदिर होने के साक्ष्य को खत्म किया जा रहा है. तब जौनपुर के मुख्य राजस्व अधिकारी रजनीश राय ने मस्जिद पहुंचकर मौके का निरीक्षण किया था. हालांकि, तब सोशल मीडिया पर किए गए दावे सही नहीं मिले थे. 

अटाला मस्जिद सुंदरता के लिए काफी मशहूर
आपको बता दें कि जौनपुर के सिपाह मोहल्ले में गोमती नदी के किनारे एक बड़ा मस्जिद है, जो अपनी सुंदरता के लिए काफी मशहूर है. खास बात यह है कि मस्जिद नक्काशी को देखकर मंदिर होने का विवाद उत्पन्न है. नक्काशी को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि अटाला देवी मंदिर हैं. इस विवाद को लेकर इतिहास को जान लेना बेहद महत्वपूर्ण है.

जौनपुर का इतिहास किताब में मिलता है जिक्र
आपको बता दें कि जौनपुर के इतिहास पर लिखी त्रिपुरारि भास्कर की किताब 'जौनपुर का इतिहास' में अटाला मस्जिद का जिक्र मिलता है. जिसमें यह लिखा गया है कि "अब भी मोहल्ला सिपाह के पास गोमती नदी किनारे अटाला देवी का विशाल घाट है. इसका निर्माण कन्नौज के राजा विजयचंद्र ने कराया था. इसकी देखरेख जफराबाद के गहरवार लोग किया करते थे. कहा जाता है कि इस मंदिर को गिराने का हुक्म फिरोज शाह ने दिया था, लेकिन हिंदुओं ने इसका विरोध किया." 

"जिसके कारण समझौता होने पर उसे उसी प्रकार रहने दिया गया था, जिसके बाद 1364 में ख्वाजा कमाल खां ने इसे मस्जिद का रूप देना शुरू किया. साल 1408 में इब्राहिम शाह ने पूरा कराया. इसमें कहीं-कहीं पर कमल के फूल उभरे हुए मिलते हैं." फिलहाल, यह देखना है कि एयर पुरातत्व विभाग के निरीक्षण और जांच के बाद क्या तथ्य सामने आते हैं.

 

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