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Jail Crime: क्या यूपी की जेल में अपराधी चला रहे हैं टेलीफोनिक सरकार?

Jail Crime: 26 जुलाई को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने अन्य अधिकारियों संग जेल में आकस्मिक छापेमारी के दौरान बंदियों के बैरकों से 12 मोबाइल, 98 पुड़िया अवैध गांजा व अन्य प्रतिबंधित सामग्री बरामद की थी. मंडलीय कारागार में बरामद हुए 12 मोबाइल ने पूरी सरकारी मशीनरी को कठघरे में ला खड़ा कर दिया.

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Jail Crime: क्या यूपी की जेल में अपराधी चला रहे हैं टेलीफोनिक सरकार?
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Zee Media Bureau|Updated: Jul 28, 2022, 11:01 PM IST

वेदेन्द्र प्रताप शर्मा/आजमगढ़:  एक तरफ योगी सरकार के राज में आपराधिक प्रवृत्ति के लोग डरे हुए हैं. गुंडे-बदमाश खुद ही थाने जाकर सरेंडर कर रहे हैं, वहीं जेल में एक अलग ही खेल चल रहा है. वैसे तो कहा जाता है कि अपराधी को जेल में डालने से अपराध पर अंकुश लग जाता है, लेकिन आजमगढ़ का मंडलीय कारागार अलग ही कहानी कह रहा है. यहां कैद बंदियों के लिए तो यह जेल अपराध के लिए सुरक्षित माने जाने लगी. 

जी हां, जेल से कुख्यात अपराधी ध्रुव सिंह उर्फ कुण्टू सिंह ने अपनी धमक को मोबाइल फोन के माध्यम से जारी रखा. अब यह एक अलग सवाल है कि इस पूरे प्रकरण में जेल के अधिकारियों की मिलीभगत थी या नहीं, लेकिन जेल में मोबाइल पहुंचा कैसे.

जेल से चल रहा खेल 
दरअसल, मामला विधानसभा चुनाव का है जब अपने मन माफिक बीएलओ को कुण्टू सिंह अपने क्षेत्र में नियुक्त करने के लिए जेल से मोबाइल के माध्यम से धमकी दिया तो प्रशासन एक्शन में आ गया. बता दें कि कुण्टू सिंह की इच्छा अपने पत्नी को चुनाव लड़ाने की थी. प्रशासन ने उस धमकी पर प्राथमिकी दर्ज की थी.

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26 जुलाई को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने अन्य अधिकारियों संग जेल में आकस्मिक छापेमारी के दौरान बंदियों के बैरकों से 12 मोबाइल, 98 पुड़िया अवैध गांजा, 4 चार्जर, 18348 नकदी, LED टीवी व अन्य प्रतिबंधित सामग्री बरामद की थी. यानी जेल में नशे का व्यापार भी धड़ल्ले से चल रहा था. मंडलीय कारागार में बरामद हुए 12 मोबाइल ने पूरी सरकारी मशीनरी को कठघरे में ला खड़ा कर दिया.

बंदियों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई
इस सम्बन्ध में थाना सिधारी पर मुकदमा संख्या 290/22 धारा 42 कारागार अधिनियम व 8/20 एनडीपीएस एक्ट बनाम 8 बंदियों में 1 राकेश राय,  2 शेषधर यादव, 3 मनीष सिंह, 4 कमलेश, 5 प्रकाश जायसवाल, 6 अरविंद यादव, 7 बरामद शुदा मोबाइल फोन के प्रयोगकर्ता, नाम पता अज्ञात एवं 8 अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि विवेचना के दौरान अन्य बंदियों के विरुद्ध साइंटिफिक तरीके से और साक्ष्य पाए जाने पर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी.

जेलर, डिप्टी जेलर और दो बंदी रक्षक निलंबित
वहीं, इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया जहां डीजी जेल आनंद कुमार ने आजमगढ़ जेलर रविंद्र सरोज, डिप्टी जेलर श्रीधर यादव और दो बंदी रक्षक अजय वर्मा और आशुतोष सिंह को निलंबित किया. प्रशासन हर बार छापेमारी कर संदिग्ध गतिविधियों को उजागर करता है, उसके कुछ दिन बाद फिर से जेल सुरक्षा में सेंध लगने लगती है.

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