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IIT कानपुर ने रचा इतिहास, 5 हजार फीट की ऊंचाई पर बादलों पर गिराया केमिकल और हो गई झमाझम बारिश

Cloud Seeding : आईआईटी कानपुर 2017 से इस प्रॉजेक्ट पर काम कर रहा है, लेकिन कई वर्षों से डीजीसीए से परमिशन मिलने पर मामला अटका था. सारी तैयारियों के बाद बीते दिनों डीजीसीए ने टेस्ट फ्लाइट की अनुमति दे दी. 

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फाइल फोटो
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Zee News Desk|Updated: Jun 22, 2023, 11:17 PM IST

IIT Kanpur : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान कानपुर (IIT Kanpur) के छात्रों ने नया कीर्तिमान स्‍थापित किया है. लंबे समय से क्‍लाउड सीडिंग के जरिए बारिश कराने के प्रयास में जुटे कानपुर आईआईटी के छात्रों को बड़ी सफलता हाथ लगी है. यहां के छात्रों ने 5 हजार फीट की ऊंचाई से बादलों पर केमिकल गिराकर बारिश कराने में कामयाब हुए हैं. इस परीक्षण से कृत्रिम बारिश कराने की उम्‍मीद जगी है. 

लंबे समय से कर रहा था परीक्षण  
आईआईटी कानपुर 2017 से इस प्रॉजेक्ट पर काम कर रहा है, लेकिन कई वर्षों से डीजीसीए से परमिशन मिलने पर मामला अटका था. सारी तैयारियों के बाद बीते दिनों डीजीसीए ने टेस्ट फ्लाइट की अनुमति दे दी. उत्तर प्रदेश सरकार ने कई साल पहले क्लाउड सीडिंग के परीक्षण की अनुमति दे दी थी. 

ऐसे किया गया परीक्षण 
जानकारी के मुताबिक, आईआईटी की हवाई पट्टी से उड़े सेसना एयरक्राफ्ट ने 5 हजार फीट की ऊंचाई पर घने बादलों के बीच दानेदार केमिकल पाउडर फायर किया. ये सब कुछ बिल्कुल आईआईटी के ऊपर ही किया गया था. केमिकल फायर करने के बाद तुरंत बारिश शुरू हो गई. जानकारों का कहना है कि क्लाउड सीडिंग के लिए सर्टिफिकेशन नियामक एजेंसी डीजीसीए ही देता है. इस सफल टेस्ट फ्लाइट के नतीजों का आकलन करने के बाद तय किया जाएगा कि आगे और टेस्ट किए जाएं या नहीं. इस दौरान आईआईटी और आसपास तेज बारिश हुई. 

सूखे की स्थितियों से निपटा जा सकेगा 
क्‍लाउड सीडिंग में वर्षा की संभावना को बढ़ाने के उद्देश्‍य से विभिन्‍न रासायनों जैसे सिल्‍वर, आयोडाइड, सूखी बर्फ, नमक और अन्‍य तत्‍वों को शामिल किया गया. आईआईडी कानपुर के इस परीक्षण में सेना के विमान का इस्‍तेमाल किया गया था. कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर का कहना है कि क्‍लाउड सीडिंग परीक्षा सफल रहा है. इससे आने वाले समय में वायु प्रदूषण और सूखे की स्थितियों से निपटा जा सकेगा. कृत्रिम बारिश से आम लोगों को राहत मिल सकेगी. किसानों की फसलों को बचाया जा सकेगा. 

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