trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand01597576
Home >>Uttar Pradesh

Holi 2023: एक गांव ऐसा भी, जहां घर के दामाद को गधे पर बैठाकर लगाया जाता है रंग, 86 साल से चली आ रही है परंपरा

Holi celebration: महाराष्ट्र के इस गांव में मनाई जाती है अजीबोगरीब होली. गांव के नए दामाद को गधे पर बैठाकर पूरे गांव में निकाला जाता है जुलूस, मनाई जाती है होली 

Advertisement
Holi 2023: एक गांव ऐसा भी, जहां घर के दामाद को गधे पर बैठाकर लगाया जाता है रंग, 86 साल से चली आ रही है परंपरा
Stop
Preeti Chauhan|Updated: Mar 06, 2023, 03:59 AM IST

Holi 2023: भारत के साथ साथ अन्य देशों में भी धूम धाम से होली का पर्व मनाया जाता है.  देशभर में रंगों का त्योहार होली विभिन्न तरीके से मनाई जाती है.  भारत में जैसे भिन्न-भिन्न भाषाएं बोली जाती हैं ठीक उसी तरीके से  भिन्न-भिन्न तरीके से होली खेलने का भी तरीका अपनाया जाता है.  ऐसे ही हम आज आपको बताएंगे एक ऐसी जगह जहां पर अजीबोगरीब तरीके से होली खेली जाती है. जिसके बारे मने जानकर आप सोच में पद जाएंगे.तो आइए आपको बताते है इस  जगह और होली के बारे में...

दामाद को गधे पर बैठाकर लगाया जाता है रंग, घुमाया जाता है पूरे गांव
महाराष्ट्र के बीड जिले में होली खेलना का यह तरीका पिछले लगभग 86 साल से चला आ रहा है. यहां पर होली के दिन घर के नए नवेले दामाद को गधे पर बैठाकर पहले तो पूरे गांव घुमाया जाता है और साथ भी उसके साथ होली भी खेली जाती है. इस परंपरा को यहां के लोग बड़े ही चाव से ऐसे ही आगे लेकर चले आ रहे हैं .  इस दिन इस गांव के नए दामाद को खास गांव में होली मनाने का निमंत्रण दिया जाता है. यह परंपरा पिछले 86 साल से ऐसे ही चली आ रही है. 

जानिए क्यों मनाई जा रही यह परंपरा 
स्थानीय लोगों की जानकारी के अनुसार लगभग 86 साल पूर्व महाराष्ट्र के बीड जिले में विडा येवता गांव में देशमुख परिवार रहता था. देशमुख परिवार में एक बेटी थी उसकी शादी के बाद जब पहली होली पर बेटी और दामाद घर आए तो दामाद ने रंग लगवाने व होली खेलने से मना कर दिया. इसके बाद ससुर ने दामाद को रंग लगाने के लिए खूब मनाया.  काफी मशक्कत के बाद जब दामाद राजी हुआ तो  उसके ससुर ने फूलों से सजा एक गधा मंगवाया और उसपर अपने दामाद को बैठाकर पूरे गांव में घुमाया और साथ ही खूब होली खेली. जानकारी में सामने आया कि आनंदराव देशमुख नाम के एक शख्स ने इस परंपरा की शुरुवात की थी. 

 

Read More
{}{}