Fatehpur Abdul Jameel Converted to Shravan Kumar: अवनीश सिंह/फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से प्रभावित होकर एक बुजुर्ग ने घर वापसी की है. मुस्लिम धर्म छोड़ने वाले जमील अहमद ने पूरे रिति रिवाज के साथ सनातन धर्म ग्रहण किया है. धर्म परिवर्तन के बाद अब्दुल जमील अब श्रवण कुमार बन गए हैं. गुरुवार को शहर के पटेल नगर इलाके के हनुमान मंदिर में अखिल भारत हिंदू महासभा की अगुवाई में श्रवण कुमार धर्म परिवर्तन कराया गया है.
नवरात्रि में रखते हैं उपवास
श्रवण कुमार बने अब्दुल जमील रेलवे डिपार्टमेंट से रिटायर हो चुके हैं. शुद्धिकरण कार्यक्रम के दौरान उन्हें जनेऊ धारण करवाया गया है. जमील अहमद ने बताया कि वो हिंदू धर्म के काफी वक्त से प्रभावित हैं. नवरात्र में उपवास भी रखते हैं. श्रवण कुमार ने कहा," मैं अक्सर सारे धर्मों की स्टडी किया करता था. मैंने सारे धर्मों का निचोड़ निकालकर देखा कि सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है, जो सबको लेकर चलता है. इसमें शांति और अहिंसा का पुजारी बना जा सकता है. मैं बहुत शांति प्रिय हूं. मैं कभी अंहिसा नहीं चाहता हूं. मैंने देखा है कि इस्लाम धर्म में खासतौर पर मेरे आस-पास किसी का हक छीन लेना, अपने मतलब के लिए भाई-भाई को मार देना. शुरू से लेकर अंत तक उन्हें बहादुर इसीलिए बनाया जाता है. इस सबसे मेरा मन खिन्न हुआ." यही वजह है कि उन्होंने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया.
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धर्म परिवर्तन के बाद परिवार को मिल रही धमकियां
श्रवण कुमार ने बताया कि उनके परिवार में तीन बेटियां और एक बेटा है. उन्होंने बताया कि बड़ी बेटी दिल्ली में एमएनसी कंपनी में मैनेजर है. दूसरी बेटी इंजीनियर है और तीसरी बेटी एमबीबीएस डॉक्टर है. वहीं, बेटा दिल्ली से एवीएशन का कोर्स कर रहा है. उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन करने से मेरे परिवार में किसी को कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि, धर्म परिवर्तन करने पर कुछ अराजक तत्वों के जरिए उनको और उनके परिवार को लगातार धमकियां दी जा रही हैं. परिवार की सुरक्षा को लेकर उन्होंने चिंता जाहिर की है. वहीं, अखिल भारत हिंदू महासभा ने कहा कि हम अपनी जान पर खेलकर जमील अहमद से श्रवण कुमार बने अपने भाई की रक्षा करेंगे.
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अब्दुल जमील का दावा- पूर्वज थे राजपूत
मीडिया से बातचीत में अब्दुल जमील ने बताया कि वह हमेशा से ही सनातन धर्म को पसंद करते थे. इसी धर्म में उनकी आस्था रही है. उनका कहना है कि उनके पूर्वज राजपूत हुआ करते थे. उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता अब्दुल हामिद बेग को कुछ लोगों ने जमीन जायदाद और सुंदर कन्या से निकाह का लालच दिया और उनका धर्म परिवर्तित करवा दिया. इसके बाद से ही उनका परिवार इस्लाम धर्म को मानने लगा. हालांकि, अब्दुल जमील खुद हमेशा सनातन धर्म में ही आस्था रखते हैं. वे बीते 10 साल से सनातन रीति-रिवाज का पालन कर रहे हैं और होली-दीपावली जैसे पर्व मना रहे हैं.
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