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Door Vastu Tips: परिवारिक कलह की वजह कहीं आपके घर के दरवाजे तो नहीं? वास्तुदोष की करें पहचान और ऐसे करें दूर

हमारे जीवन पर आसपास की वस्तुओं और आसपास घटने वाली घटनाओं का सीधा प्रभाव पड़ता है. चाहे वह हमारा घर-आंगन हो, दरवाजे हो या फिर पूजा घर हो. इसीलिए हम वास्तु-शास्त्र का सहारा लेकर इनका निर्माण कराते हैं. ऐसा न करने पर इसका हमारे जीवन पर काफी नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है.

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Door Vastu Tips: परिवारिक कलह की वजह कहीं आपके घर के दरवाजे तो नहीं? वास्तुदोष की करें पहचान और ऐसे करें दूर
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Zee Media Bureau|Updated: Jul 07, 2022, 06:38 PM IST

Vastu tips for Main Door: हमारे जीवन पर आसपास की वस्तुओं और आसपास घटने वाली घटनाओं का सीधा प्रभाव पड़ता है. चाहे वह हमारा घर-आंगन हो, दरवाजे हो या फिर पूजा घर हो. इसीलिए हम वास्तु-शास्त्र का सहारा लेकर इनका निर्माण कराते हैं. ऐसा न करने पर इसका हमारे जीवन पर काफी नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है. आज हम आपको दरवाजे से जुड़े वास्तु टिप्स बताएंगे. जिसे फॉलो करके आप बड़ी आसानी से आने वाली कठिनाइयों से बच सकते हैं. ये हैं दरवाजे से जुड़े टिप्स...

इस दिशा में हो घर का दरवाजा
घर के निर्माण के समय दरवाजा लगाते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए और बिना वास्तु ज्ञान के दरवाजा नहीं लगवाना चाहिए. वास्तु के अनुसार उत्तर, ईशान और पूर्वमुखी दरवाजा लगाना चाहिए. यह दरवाजा बेहद शुभ माना गया है.

दो पल्ले वाले दरवाजे होते हैं शुभ
आज काम की तलाश में लोग गांव से शहरों का रुख कर रहे हैं. ऐसे में रहने के लिए उन्हें फ्लैट भी खरीदने पड़ते हैं. यहां लोग घर खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि मुख्य दरवाजा दो पल्ले का हो. मौजूदा समय में एक पल्ले वाला दरवाजा लगाने का प्रचलन हो गया है. हालांकि, वास्तु के अनुसार, इसे ठीक नहीं माना जाता है. वास्तु शास्त्रियों की मानें तो दो पल्ले वाला दरवाजा ही शुभ होता है.

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ऐसा ना हो घर का मुख्य द्वार
घर के निर्माण में सबसे अहम हिस्सा घर का मुख्य द्वार होता है. इसके निर्माण में बेहद सावधानी बरतनी चाहिए. कुछ ऐसी आकृतियां हैं, जो अशुभ मानी जाती हैं, दरवाजा वैसा नहीं होना चाहिए, इनमें त्रिकोणाकार, गोलाकार, वर्गाकार या बहुभुज की आकृतियों को सही नहीं माना जाता है.

मुख्य दरवाजा लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान
घर का मुख्य दरवाजा लगाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए. घर की मुख्य दीवार, जिसमें आपको दरवाजा लगाना है, सबसे पहले उसे नौ बराबर भागों में बांटें. दाएं से पांच भाग छोड़कर और बाएं से तीन भाग छोड़कर बीच में बचे खाली भाग में दरवाजा लगाएं.

मुख्य दरवाजा हो सबसे बड़ा, वरना आएगी मुसीबत
वास्तु के अनुसार घर के दरवाजे की दिशा के साथ-साथ दरवाजे का आकार भी काफी अहम माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, जिस घर का मुख्य दरवाजा छोटा और उसके पीछे का दरवाजा बड़ा होता है, तो यह भी वास्तुदोष माना जाता है. उस घर में आर्थिक परेशानियां बनी रहती हैं. वहीं, घर के तीन द्वार एक सीध में नहीं लगाना चाहिए. आपको बता दें कि ऊपरी माले के दरवाजे निचले माले के दरवाजों से कुछ छोटे होने चाहिए.

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ऐसे मुख्‍य द्वार वाले घर में होता है वास्तु दोष 
घर बनाते समय हम कई बार घर में प्रवेश के लिए दो दरवाजे रखते हैं. ऐसे घर में वास्तुदोष हो सकता है. घर में प्रवेश का केवल एक मुख्य द्वार होना चाहिए. वास्तु के मुताबिक घर का मुख्यद्वार बीचों-बीच नहीं, बल्कि दाईं या बाईं ओर स्थित होना चाहिए. इसी के साथ ही घर की विपरीत दिशा में दो मुख्य द्वार नहीं बनाना चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सामान्य ज्ञान के आधार पर लिखा गया है. किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर्स या एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर ले लें.

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