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Dhanteras Yam Puja 2022: अकाल मृत्यु से बचना है तो धनतरेस पर जलाएं यम दीप, पढ़ें दीपदान से जुड़ी पौराणिक क​था

Dhanteras Yam Puja 2022: पुराणों के अनुसार धनतेरस के द‍िन ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है..... पूरे वर्ष में एक मात्र यही वह दिन है, जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा दीपदान करके की जाती है...  

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Dhanteras Yam Puja 2022: अकाल मृत्यु से बचना है तो धनतरेस पर जलाएं यम दीप, पढ़ें दीपदान से जुड़ी पौराणिक क​था
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Zee Media Bureau|Updated: Oct 22, 2022, 08:07 AM IST

Dhanteras Yam Puja 2022: धनतेरस वाले (Dhanteras) दिन जहां श्रीगणेश-लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है तो वहीं, यमराज की पूजा करने का भी विशेष नियम हैं. धनतेरस वाले दिन यमराज की पूजा की पूजा की जाती है.इस रिपोर्ट में जानते हैं कि यमराज की से इस दिन इनकी  पूजी की शुरुआत हुई. यमराज के लिए क्यों दीपदान किया जाता है. अगर आपको ये नहीं पता है तो इस खबर के जरिए आपको पता चल जाएगा.

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दीपदान करने की परंपरा
कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी यानि कि Dhanteras के दिन यम के नाम से विशेष रूप से दीपदान (Deepdaan) की परंपरा है. आस्था और विश्वास से जुड़े इस महापर्व पर यम की साधना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. धनतेरस वाले दिन महिलाएं यम (Yam) के लिए घर के दरवाजे पर आटे का चौमुखा दीपक बनाकर रखती हैं. इसके बाद विधि-विधान से पूजा करने के बाद दीपक जलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर ‘मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्’ मंत्र का जप करते हुए यम का पूजन करती है.

ऐसे जलाएं यम का दीपक
धनतेरस के दिन आटे का चौमुखी दीपक बना सकते हैं. अगर आटे का दीया ना बना रहे हों तो बाजार के मिट्टी का दीपक भी जला सकते हैं. दीपक जलाकर उसमें 4 बत्तियां डालकर पूजा करें. उसके बाद घर की दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके ‘मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्’ मंत्र का जप करते हुए यमराज जी की पूजा करें.

ये है पौराणिक कथा
लोककथाओं की मानें तो ये कथा भी काफी प्रचलित है. ऐसा कहा जाता है कि राजा हिम की बहू ने अपने पति की जान बचाई थी. उसके पति के बारे में कहा गया था कि वह अपनी शादी के चौथे दिन ही मर जाएगा.लेकिन चौथे दिन उसने अपने पति को जागते रहने को कहा. उसने कुछ दीपक जलाए और अपने घर के प्रवेश द्वार पर चांदी और सोने के आभूषण और सिक्के रख दिए. गहनों और सिक्कों के पूरे ढेर से परावर्तित प्रकाश ने यमराज को उनके घर में प्रवेश करने और राजकुमार की जान लेने से रोक दिया. यमराज जब सांप के रूप में हिम के बेटे की जान लेने आए, तो वहां पर मौजूद सोने-चांदी की चकाचौंध से अंधे हो गए. आखिरकार सांप के रूप में आए यमराज परिवार या राजकुमार को नुकसान पहुंचाए बिना वापस लौट गए. तभी से ये माना जाता है कि सोना और चांदी आपके घर को नकारात्मकता से बचाते हैं. इसीलिए इस दिन को पवित्र माना जाता है और लोग धनतेरस पर सोना, चांदी और नया बर्तन खरीदते हैं.

धनतेरस 2022 पूजा मुहूर्त
इस दिन धनतेरस पूजा के लिए आपको करीब सवा घंटे का शुभ समय प्राप्त होगा. इस दिन शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और परिवार की उन्नति होती है.

प्रदोष काल
23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 45 मिनट से रात 8 बजकर 17 मिनट तक

वृषभ काल
शाम 7 बजकर 01 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक 
 
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
23 अक्टूबर, 2022 को शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 05 मिनट तक 

धनतेरस पर शुभ योग
इस साल 23 तारीख को शनि देव मार्गी हो रहे हैं.  ऐसे में कई राशियों को लाभ मिलेगा. इसके अलावा धनतेरस के दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग बन रहा है.

धनतेरस का महत्व
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान धनवंतरि, कुबेर व मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है. ऐसे में साफ-सफाई होना जरूरी है. Dhanteras के दिन लोग खरीदारी भी करते हैं जैसे- चांदी या सोने का सामान, घर की सजावट का सामान आदि. ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन खरीदारी करने से पूरे साल घर में बरकत रहती है.

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(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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