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Chaitra kalashtami 2023: कब है चैत्र कालाष्टमी 2023, जानिए पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

Chaitra kalashtami 2023​: कालाष्टमी पर भैरव देव और भगवान शिव की पूजा की जाती है.  मान्यता है कि ऐसा करने से लोगों के तमाम कष्ट दूर होते हैं. जानिए चैत्र महीने की कालाष्टमी कब है, साथ ही पूजा का मुहूर्त और उपाय क्या हैं. 

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Chaitra kalashtami 2023: कब है चैत्र कालाष्टमी 2023, जानिए पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त
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Shailjakant Mishra|Updated: Mar 10, 2023, 02:35 PM IST

kalashtami 2023: कालाष्टमी पर भगवान शिव और बाबा भैरव की पूजा की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से लोगों के तमाम कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीन के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव और बाबा भैरव की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार काल भैरव की उत्पत्ति शिवजी के क्रोध की वजह से हुई थी. आइए जानते हैं चैत्र महीने की कालाष्टमी कब पड़ रही है. साथ ही पूजा का मुहूर्त और उपाय क्या हैं. 

कब है चैत्र कालाष्टमी (Chaitra kalashtami 2023 Date)
मान्यता है कि बाबा भैरव की पूजा करने से शनि और राहु से मिलने वाली बाधाएं दूर होती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी मनाई जाएगी. इस बार चैत्र माह की कालाष्टमी 14 मार्च 2023 मंगलवार को पड़ रही है. कालाष्टमी को भैरव जयंती या काल भैरव जयंती के रूप में भी जाना जाता है. तंत्र साधना के लिए भी काल भैरव की पूजा अहम मानी जाती है. 

चैत्र कालाष्टमी शुभ मुहूर्त (Chaitra kalashtami 2023 Shubh Muhurat)
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को होने वाला कालाष्टमी की शुरुआत 14 मार्च को रात 8 बजकर 22 पर होगी और इसका समापन 15 मार्च को शाम 6 बजकर 45 मिनट पर होगा. 

कालाष्टमी पूजा विधि (Chaitra kalashtami 2023 Pujan Vidhi)
कालाष्टमी पर सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए. इसके बाद साफ कपड़े पहनकर बाबा भैरव की पूजा करें. इस दिन काले कुत्ते की भी पूजा का विधान है. 
रात के समय भैरव देव के आगे सरसों के तेल का दीया जलाएं और पाठ करें.  इस दिनं ऊं काल भैरवाय नम: का जाप करना फलदायी माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन कुत्ते को मीठी रोटी खिलाने से कष्टों से मुक्ति मिलती है. 

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