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UP politics : सहकारी समितियों के चुनाव में बीजेपी और सपा आमने-सामने, हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला

Sahkari Samati Chunav 2023 : निकाय चुनाव से पहले राज्य में बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी सहकारी समितियों के चुनाव में आमने सामने हैं. दोनों दल इस चुनाव को जमीनी स्तर पर अपनी पैठ मजबूत करने का मौका मान रहे हैं.

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Arvind Kumar |Updated: Mar 17, 2023, 12:55 PM IST

विशाल सिंह/लखनऊ : सहकारिता चुनाव को लेकर शुक्रवार को नामांकन का आखिरी दिन है. यूपी में सत्ताधारी दल पर सहकारी समितियों के चुनाव मामले में आरोप लगाया गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर की गई है. इसमें आरोप लगाया गया है कि सहकारी समितियों के चुनाव में सिर्फ सत्ताधारी दल के प्रत्याशियों को ही नामांकन पत्र उपलब्ध कराया जा रहा है. दायर की गई याचिका पर सीतापुर व लखीमपुर खीरी के डीएम को सख्त आदेश देकर शुक्रवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.

न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की बेंच ने गुरुवार को यह आदेश विनोद कुमार मिश्र व एक अन्य व्यक्ति की याचिका पर दिया है. प्राथमिक सहकारी समितियों में निदेशक पद के चुनाव में बीजेपी के 30,000 से अधिक उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. नामांकन वापसी के अंतिम दिन भाजपा के साथ सपा के भी उम्मीदवार निर्वाचित घोषित हुए हैं. शेष पदों के लिए 18 मार्च को मतदान होगा.

बीजेपी और सपा में टक्कर
बीजेपी और सपा के बीच सहकारी समितियों में मुख्य मुकाबले के आसार हैं. सपा के महासचिव शिवपाल सिंह यादव के पार्टी में आ जाने के बाद अब सपा की ताकत और बढ़ गई है. कुछ सालों पहले तक शिवपाल यादव का कोऑपरेटिव सेक्टर में काफी पकड़ थी. ऐसे में सपा में उनकी वापसी का फायदा पार्टी को मिल सकता है. सहकारी समितियों में पिछले कई दशकों से समाजवादी पार्टी के प्रभुत्व को बीजेपी चुनौती देना चाहती है. माना जा रहा है सहकारी समिति के चुनाव में दोनों ही पार्टियों के दिग्गज अपने-अपने राजनीतिक अस्तित्व को स्थाई करने का प्रयास करेंगे. 

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सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी के मुताबिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की है. सपा का आरोप है कि इटावा, मैनपुरी, लखीमपुर, सीतापुर, आजमगढ़, इलाहाबाद, जौनपुर और झांसी सहित कई जिलों नामांकन पत्र न दिये जाने और बीजेपी कार्यकर्ताओं को निर्विरोध समितियों के निदेशक बनाने की साजिश रची जा रही है. 
18 मार्च को होगी वोटिंग
सहकारी समितियों के चुनाव के घोषित कार्यक्रम के मुताबिक नामांकन मंगलवार से शुरू हो गया था, जबकि 18 मार्च को वोटिंग होगी. उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग प्रदेश सरकार के 10 विभागों सहकारिता, दुग्ध, गन्ना, आवास, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उद्योग, मत्स्य, रेशम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग तथा खादी एवं ग्रामोद्योग में पंजीकृत सहकारी समितियों के चुनाव कराने की जिम्मेदारी निभाता है.

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