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Barabanki: सरयू नदी की धारा चीर नदी पार करने वालों ने बताई आपबीती, कटान से बेघर हुए लोगों ने सुनाया खौफनाक मंजर

UP Flood News: सरयू घाघऱा नदी की तेज धारा लोगों के लिए जानलेवा बनी हुई है वैसे तो शहर से लेकर गांव तक हर जगह पानी भर जाने से लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. लेकिन सबसे ज्यादा मुश्किल घड़ी तराई इलाकों में बसे ग्रामीणों के सामने हैं.

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Barabanki: सरयू नदी की धारा चीर नदी पार करने वालों ने बताई आपबीती, कटान से बेघर हुए लोगों ने सुनाया खौफनाक मंजर
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Zee Media Bureau|Updated: Oct 10, 2022, 08:12 PM IST

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में इन दिनों सरयू घाघऱा नदी की तेज धारा लोगों के लिए जानलेवा बनी हुई है वैसे तो शहर से लेकर गांव तक हर जगह पानी भर जाने से लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. लेकिन सबसे ज्यादा मुश्किल घड़ी बाराबंकी से गुजरने वाली सरयू घाघरा नदी के किनारे तराई इलाकों में बसे ग्रामीणों के सामने है. हर साल की तरह इस बार भी जिले की तीन तहसीलें रामनगर, रामसनेहीघाट और सिरौलीगौसपुर में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. क्योंकि यहां बरसात के साथ-साथ सरयू नदी का बढ़ रहा जल स्तर भी लोगों की मुसीबत बढ़ाए हुए है.

सबसे ज्यादा खतरा सरयू नदी की तेज धारा में नाव से आने जाने वालों के लिए है. सरयू घाघरा के उस पार रह रहे मंझारायपुर गांव के लोग नदी के तेज बहाव के बीच नाव के सहारे नदी पार कर रहे हैं. अगर यह संजय सेतु पुल से आते तो उन्हें काफी लंबा सफर तय करना पड़ता है. ऐसे में यह लोग जान जोखिम में डालकर नांव का सहारा लेने को मजबूर हैं. तो वहीं तेलवारी गांव में भी नदी की कटान से हाहाकार मचा हुआ है. यहां बाढ़ के साथ ही कटान होने से हालही में तेलवारी गांव के 4 घर नदी में समा गए हैं. ऐसे में बेघर हुए लोगों के सामने अब और ज्यागा मुसीबत खड़ी हो गई है.

तेलवारी गांव के लोगों ने बताया कि यहां के 4 दलित परिवारों के घर सरयू नदी में समा चुके हैं. प्रशासन राहत बचाव में लगा तो है, लेकिन कामयाब नहीं हो पा रहा है. वही गांव के बुजुर्ग जो बेघर हो गए हैं, उन्होंने बताया कि गांव के कई लोगों के घर कट गए हैं. जिला प्रशासन और बाढ़ खंड व सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा मकान कटने के बाद राहत बचाव का काम खाना पूर्ति के लिए शुरू करवाया गया है. 

उधर सरयू नदी पार करने वाले लोगों ने भी अपना दर्द बयां किया. यह बाढ़ पीड़ित जान जोखिम में डालकर मंझारायपुर गांव से घाघरा नदी पार कर नाव से तेलवारी गांव पहुंचते हैं. यहां से यह लोग रोजमर्रा का सामान लेने के लिये बाजार जाते हैं और फिर नाव से वापस अपने गांव लौटते हैं. यह सभी नांव से नदी पार करने को मजबूर हैं. क्योंकि अगर यह लोग संजय सेतु से आएंगे तो कई किलोमीटर की दूरी इन्हें तय करनी पड़ेगी. इसलिये जान जोखिम में डाल कर नाव के सहारे घाघरा नदी पार करके वह लोग इसपार आते हैं. 

वहीं बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि बाराबंकी की तीन तहसीलें रामनगर, रामसनेही घाट और सिरौलीगौसपुर के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. लोगों को गांव से सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है. राहत सामग्री लोगों तक पहुंचाई जा रही है. इसके अलावा एनडीआरएफ और दूसरी टीमें बुलवा ली गई हैं. जो राहत व बचाव के काम में लगी हैं. 

 

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