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बागपत: किसान की बेटी ने विदेश में लहराया तिरंगा, इंटरनेशल वुशु प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज जीत बढ़ाया देश का मान

Baghpat News: बागपत के किसान परिवार की बेटी प्रीति ने भूटान के जॉर्जिया में आयोजित इंटरनेशनल वुशु ओपन प्रतियोगिता (international Wushu Competition) में किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता (Kick Boxing competition) में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश और बागपत का नाम रोशन किया है.

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बागपत: किसान की बेटी ने विदेश में लहराया तिरंगा, इंटरनेशल वुशु प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज जीत बढ़ाया देश का मान
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Zee Media Bureau|Updated: Aug 08, 2022, 06:42 PM IST

कुलदीप चौहान/बागपत:  बागपत की बेटी प्रीति ने किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता (Kick Boxing competition) में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश और बागपत का नाम रोशन किया है. भूटान के जॉर्जिया में आयोजित इंटरनेशनल वुशु ओपन प्रतियोगिता (international Wushu Competition) में बेटी ने मेडल जीतकर जनपद के नाम रोशन किया है.

किसान परिवार की बेटी प्रीति ने मेडल जीता तो सरूरपुर गांव में खुशी की लहर दौड़ गई. आज बेटी गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया और हौसला अफजाई की इसके बाद बेटी बागपत के गुफा वाले बाबा के मंदिर पहुंची. जहां पर उन्होंने भगवान शिव का जलाभिषेक कर मन्नत मांगी. 

खिलाड़ी प्रीति नैन ने बताया कि जोर्जीया में आयोजित हुई इंटरनेशनल वुशु ओपन प्रतियोगिता में उन्होंने मेडल जीता है. उन्होने बताया कि इंजरी होने के बाद खेली हूं तो मेरा इंटरनेशनल में ये पहला मेडल है. आज गांव में पहुंची हूं, स्वागत हुआ है, बहुत अच्छा लगा है और हौसला बढ़ा है. अबकी बार गोल्ड ही लेकर आउंगी. उन्होंने कहा कि मेरा ये सपना था कि बागपत ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन करूं. मैं ये ही कहना चाहूंगी कि अपनी सोच को बदलें और लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए उनका साथ दें.

प्रीति के कोच हरविंद्र भलारा ने बताया कि ये बहुत ही मेहनती लड़की है और इसने इंटरनेशनल में मेडल जीता है और यूथ के लिए प्रेरणा स्रोत बनी है. इन्होंने छोटे से गांव से निकल कर विदेश में देश का तिरंगा लहराकर नाम रोशन किया है. मेरा तो ये ही आशीर्वाद है कि आगे भी इसी तरह से देश का नाम रोशन करें. मैं तो उन लोगों को कहना चाहूंगा कि जो ये मानते थे कि गांव कि लड़कियां कुछ नहीं कर सकती तो वे प्रीती से सीख लें. 

प्रीती के पिता सतेन्द्र नैन ने कहा कि वशु कि कितना बोक्सीग खेल कर आई है और इसने ब्राउंस मेडल जीता है. हम तो गरीब ही परिवार से हैं, जितना भी हमसे हो रहा कर रहे है. अगर हम भी ठीक परिवार से होते तो हमारी बिटिया और भी अच्छा करके दिखाती. 

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