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Rampur by Election: ढह गया आजम खान का 50 साल पुराना सियासी किला, रामपुर में बीजेपी का खिला कमल

रामपुर उपचुनाव के नतीजों के साथ उत्तर प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट मानी जाने वाली रामपुर ने इतिहास रच दिया है. यहां से 50 साल बाद आजम खान की सियासी विरासत ध्वस्त हो गई है वहीं 70 साल बाद हिन्दू प्रत्याशी की जीत हुई है.

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Rampur by Election: ढह गया आजम खान का 50 साल पुराना सियासी किला, रामपुर में बीजेपी का खिला कमल
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Zee Media Bureau|Updated: Dec 08, 2022, 04:30 PM IST

सैयद आमिर/रामपुर: रामपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के आकाश सक्सेना ने जीज दर्ज कर ली है. यहां उन्होंने 34,112 वोट से जीत दर्ज की है. इस तरह पूर्व मंत्री और सपा के कद्दावर नेता आजम खान का राजनीतिक किला ढह गया है. यहां से आजम खान 10 बार विधायक चुने गए. लगभग 50 साल से यहां आजम या समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशी की जीत होती रही है. वहीं दूसरी तरफ 70 साल बाद यहां किसी हिन्दू प्रत्याशी की जीत हुई है. रामपुर जीत के बाद आकाश सक्सेना ने कहा है कि रामपुर से 50 साल पुराना अंधेरा छट गया है. भड़काऊ भाषण मुद्दे पर तीन साल की सजा होने के बाद आजम खान की व‍िधानसभा सदस्‍यता रद्द होने के बाद यहां उपचुनाव हुए हैं. 

रामपुर की राजनीति में आजम
आजम खान आपातकाल के दौरान जेल गए थे. जेल से छूटने पर आजम खान का कद तो बढ़ गया लेकिन माली हालत खस्ता ही रही. उनके पिता मुमताज खान शहर में एक छोटा-सा टाइपिंग सेंटर चलाते थे. आजम जेल से आते ही विधानसभा का चुनाव लड़ गए, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण कांग्रेस के मंजूर अली खान से हार गए. दरअसल, रामपुर के नवाब यूसुफ अली 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के साथ थे, लेकिन उनकी बाद की पीढ़ी बदलते दौर में राजनीति में आ गई और उन्हें 1967 में कांग्रेस के टिकट पर उन्हीं के वारिस मिकी मियां के नाम से चर्चित जुल्फिकार अली खान सांसद बने. तमाम रजवाड़ों की तरह रामपुर का नवाबी खानदान राजनीति में आते ही अपनी पुरानी धाक जमाने में सफल रहा. मिकी मियां तो 1967, 1971, 1980, 1984 और 1989 में सांसद बने ही, उनकी मौत के बाद 1996 और 1999 में उनकी पत्नी बेगम नूर बानो भी सांसद चुनी गईं. साल1980 के बाद से हुए चुनाव में आजम की इस सीट पर लगातार दबदबा बनाए हुए हैं. 1996 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दें तो दस बार इस सीट से आजम खान निर्वाचित होते रहे. 

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सपा प्रत्याशी ने लगाया आरोप
रामपुर से सपा प्रत्याशी आसिम राजा ने अपनी हार के बाद कहा कि हमारे लोगो को वोट तक नहीं डालने दिया गया. उन्हें डंडे मारकर पोलिंग बूथ से भगा दिया गया. उन्होंने कहा कि ये जीत खाकी वर्दी को मुबारक हो. आसिम रजा ने कहा है कि दो लाख लोगो को वोट नहीं डालने दिया गया. सपा प्रत्याशी ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है. भाजपा ने यहां इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में भी आकाश सक्सेना को प्रत्याशी बनाया था. हालांकि उस उस समय वह चुनाव हार गए थे. अब उपचुनाव में वह बीजेपी का कमल खिलाने में कामयाब रहे.

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