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राम जन्‍म भूमि को बम से उड़ाने की धमकी मिलने पर सनसनी, जानें कहां से आया फोन, जांच में जुटीं सुरक्षा एजेंसियां

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्‍या में इन दिनों बड़ी संख्‍या में पहुंच रहे लोग. इससे पहले भी मिल चुकी है धमकी. 

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Ayodhya Ram Mandir
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Zee Media Bureau|Updated: Feb 02, 2023, 06:56 PM IST

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्‍या में श्रीराम जन्‍म भूमि को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं. इसके बाद श्रीराम जन्‍म भूमि परिसर में बड़ी संख्‍या में सुरक्षा व्‍यवस्‍था बढ़ा दी गई है. पूरे मामले में रामजन्‍म भूमि थाने में मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. 

इन दिनों बड़ी संख्‍या में लोग पहुंच रहे अयोध्‍या 
दरअसल, अयोध्या में राम जन्म भूमि पर भगवान श्रीराम की भव्य मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है. वहीं, अब भगवान रामलला की प्रतिमा को बनाए जाने के लिए नेपाल गंडकी नदी निकली देवशिला अयोध्या पहुंच चुकी है, जिसका दर्शन करने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग अयोध्‍या पहुंच रहे हैं. 

सुबह 5:30 बजे अज्ञात नंबर से आया फोन 
वहीं, राम जन्मभूमि परिसर को बम से उड़ाने की धमकी का मामला सामने आया है. पुलिस के मुताबिक, राम जन्मभूमि के निकट स्थित रामलला सदन में निवास करने वाले मनोज कुमार के मोबाइल पर 5:30 बजे एक अज्ञात व्यक्ति के द्वारा 9999094181 नंबर से फोन आया. 

अयोध्‍या में सनसनी फैलाने की कोशिश 
कॉल करने वाले ने बताया कि वह दिल्‍ली से बोल रहा है. कहा कि आज 10 बजे तक राम जन्मभूमि को बम से उड़ा देंगे. इसकी जानकारी राम जन्मभूमि थाने पुलिस को दी गई तो पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया. थाना प्रभारी संजीव कुमार सिंह ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस की मानें तो इस फोन कॉल के जरिए अयोध्या में सनसनी फैलाने और भय व्याप्त करने का प्रयास किया गया. 

नेपाल से पवित्र शिलाएं अयोध्‍या पहुंचीं 
बता दें कि अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान राम की मूर्ति को तराशने में इस्तेमाल होने वाली नेपाल की गंडकी नदी से विशेष पवित्र शिलायें (चट्टान) अयोध्या पहुंच चुकी हैं. पवित्र शिलाएं बुधवार देर रात अयोध्या पहुंचीं और उन्हें गुरुवार को विशेष पूजा अर्चना के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेंट की गईं. यहां 51 वैदिक शिक्षकों ने शालिग्राम पवित्र शिलाओं की पूजा की और उसके बाद उन्हें मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया गया. 

 

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