trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand01482736
Home >>Uttar Pradesh

Ballia: मंदिरों में अब प्रशासन मुहैया कराएगा हरमोनियम और ढोल, जारी होगी सांसद निधि

अक्सर मंदिरों में भजन कीर्तन करने के इच्छुक श्रद्धालुओं व भक्तों को वाद्य यंत्र नहीं मिल पाते. बलिया प्रशासन जल्द ही ऐसी समस्या से निजात दिलाएगा. पढ़ें  कैसे कारगर होगी स्थानीय सांसद की मुहिम

Advertisement
Ballia: मंदिरों में अब प्रशासन मुहैया कराएगा हरमोनियम और ढोल, जारी होगी सांसद निधि
Stop
Zee Media Bureau|Updated: Dec 12, 2022, 05:09 PM IST

बलिया: जनपद के मंदिरों में अब प्रशासन के सहयोग से भजन कीर्तन भी होगा और वाद्य यंत्र भी मुहैया कराए जाएंगे. सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने इसे लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया है. बताया जा रहा है कि बलिया से सांसद मस्त ने निर्देश दिया है कि बलिया नगरपालिका परिषद क्षेत्र के सभी छोटे व बड़े मंदिरों का सर्वेक्षण कराया जाए.वहां पर भजन-कीर्तन कराने एवं वाद्य यंत्रों की व्यवस्था कराई जाए. उन्होंने कहा कि भजन-कीर्तन और वाद्य यंत्रों की व्यवस्था करने में यदि किसी प्रकार की कठिनाई आती है तो सांसद विकास निधि से धन का इस्तेमाल किया जा सकता है. सांसद ने इस आशय का निर्देश नगरपालिका अधिशासी अधिकारी सत्य प्रकाश सिंह को रविवार को दिया. 

संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) के तहत, प्रत्येक सांसद के पास अपने निर्वाचन क्षेत्र में पांच करोड़ रुपये प्रति वर्ष के कार्यों के लिए जिला कलेक्टर को सुझाव देने का विकल्प होता है. राज्यसभा सदस्य राज्य के एक या एक से अधिक जिलों में काम की सिफारिश कर सकते हैं जहां से वह चुने गए हैं. लोकसभा और राज्यसभा के मनोनीत सदस्य योजना के तहत अपनी पसंद के कार्य के कार्यान्वयन के लिए देश के किसी एक राज्य से एक या अधिक जिलों का चयन कर सकते हैं. बलिया के प्राचीन भृगु मंदिर की प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉ. शिव कुमार मिश्र ने कहा, ‘‘बलिया का पौराणिक इतिहास है. वर्तमान परिवेश में पारंपरिक मूल्यों का लोप हो रहा है. ऐसे में बलिया के मंदिरों में भजन-कीर्तन और वाद्य यंत्रों की व्यवस्था होने से मंदिरों में संकीर्तन के साथ ही सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजनों को बल मिलेगा.’’ 

मंदिरों का सर्वे होगा

नगरपालिका अधिशासी अधिकारी सत्य प्रकाश सिंह ने सोमवार को बताया कि नगरपालिका कर्मियों की टीम द्वारा शीघ्र ही मंदिरों के सर्वे का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने बताया कि बलिया को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की दिशा में पहल किया जा रहा है और पांच प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए डीपीआर शासन को प्रेषित किया गया है. इतिहासकार शिवकुमार सिंह कौशिकेय के मुताबिक ऐसी भी मान्यता है कि महर्षि भृगु ने अपने शिष्य दर्दर मुनि के द्वारा अयोध्या से सरयू नदी को बलिया लाकर कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही गंगा और सरयू नदी का संगम कराया था. उन्होंने बताया कि इसी तट पर दर्दर मुनि ने यज्ञ करवाया था, यह एक माह तक चला था. उन्होंने बताया कि इस यज्ञ में 88 हजार ऋषियों का समागम हुआ था और यहीं पर महर्षि भृगु ने ज्योतिष की विख्यात पुस्तक भृगु संहिता की रचना की थी. 

यह भी पढ़ें: झांसी में खाद न मिलने से किसानों ने की नारेबाजी, कहा : अक्सर गोदाम बंद रहता है गोदाम

ददरी मेला में आस्था
गंगा और सरयू के संगम का साक्षी बलिया में ददरी मेला हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा से आरम्भ होता है. लोगों की प्रगाढ़ आस्थाएं इस मेला से जुड़ी है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु को पदाघात के बाद महर्षि भृगु को मिले श्राप से मुक्ति इसी क्षेत्र में ही मिली थी. महर्षि भृगु ने अपने शिष्य दर्दर मुनि के जरिए अयोध्या से सरयू नदी को बलिया लाकर कार्तिक पूर्णिमा के दिवस ही गंगा और सरयू नदी का संगम कराया था. ऐसा माना जाता है कि यहां स्नान मात्र से ही काशी में साठ हजार वर्ष तक तपस्या करने के बराबर पुण्य मिलता है.

Read More
{}{}