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आय-जाति और निवास प्रमाणपत्र एक हफ्ते न बने तो... सीएम योगी ने दिया अल्टीमेटम

UP News : योगी सरकार ने आय प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र और जाति प्रमाणपत्र बनाने के लिए एक हफ्ते की समयसीमा निर्धारित कर दी है. ई डिस्ट्रिक्ट सेवा के तहत निर्धारित समय सीमा में बदलाव कर ऐसा नागरिकों की सुविधा के लिए किया गया है. 

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आय-जाति और निवास प्रमाणपत्र एक हफ्ते न बने तो... सीएम योगी ने दिया अल्टीमेटम
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Amitesh Pandey |Updated: Sep 21, 2023, 08:39 PM IST

UP News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आय प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र और जाति प्रमाणपत्र बनाने के लिए एक हफ्ते की समयसीमा निर्धारित कर दी है. ई डिस्ट्रिक्ट सेवा के तहत निर्धारित समय सीमा में बदलाव कर ऐसा नागरिकों की सुविधा के लिए किया गया है. पहले इसमें 45 दिन की समयसीमा थी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी किए हैं.सेवाओं में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. 

लंबे समय से आ रही थी शिकायत 
दरअसल, यूपी में अब तक आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए महीनों तहसील के चक्‍कर लगाने पड़ते थे. इसको लेकर लंबे समय से शिकायत भी मिल रही थी. अब सीएम योगी ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को ई डिस्ट्रिक्ट सेवाओं को तय समय सीमा में बनाने का निर्देश दिया है. 

लापरवाही बरतने पर होगी कड़ी कार्रवाई 
अगर तय समय सीमा में नहीं बन पाया तो इसके लिए जिलाधिकारियों की जवाबदेही तय होगी. सीएम योगी ने सख्‍त निर्देश दिया कि ई डिस्ट्रिक्ट सेवाओं के निस्तारण में हीलाहवाली और लेटलतीफी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. आम नागरिकों को चक्‍कर ना लगवाएं. 

जनवरी से अब तक कितने मामलों का निस्‍तारण 
बता दें कि सीएम योगी ने पिछले दिनों सीएम कमांड सेंटर और डैशबोर्ड की समीक्षा बैठक की. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि ई डिस्ट्रिक्ट के तहत प्रदेश में जनवरी से अब तक 61,32,976 जाति प्रमाण पत्र के आवेदन प्राप्‍त किए गए. इसमें से अब तक 59,13,420 आवेदन का निस्‍तारण कर दिया गया है. वहीं 2,12,227 आवेदन तय समय सीमा में लंबित हैं. जबकि 7,329 आवेदन तय समय सीमा के बाद भी लंबित हैं. 

सीतापुर अव्वल
आईजीआरएस (जनसुनवाई समाधान प्रणाली) की रिपोर्ट के अनुसार, समय पर जाति प्रमाण पत्र जारी करने में यूपी का सीतापुर जिला अव्‍वल है. वहीं, दूसरे नंबर पर बांदा और तीसरे नंबर पर अमेठी शामिल है. वहीं, औरैया, गाजियाबाद और लखनऊ इन मामलों के निस्‍तारण में फ‍िसड्डी है. 

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