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नगीना सांसद ने उठाया यूपी के लाखों बीएडधारकों का मुद्दा, सरकार की दुखती रग पर रखा हाथ

UP News: नगीना से सांसद बनने के बाद चंद्रशेखर आजाद शिक्षकों के मुद्दों को लेकर लगातार सरकार को पत्र लिख रहे हैं. अब उन्होंने दो साल के बीएड डिग्री धारकों को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है.

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नगीना सांसद ने उठाया यूपी के लाखों बीएडधारकों का मुद्दा, सरकार की दुखती रग पर रखा हाथ
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Shailjakant Mishra|Updated: Jul 12, 2024, 02:25 PM IST

UP News: नगीना से सांसद बनने के बाद चंद्रशेखर आजाद शिक्षकों के मुद्दों को लेकर लगातार सरकार को पत्र लिख रहे हैं. अब उन्होंने दो साल के बीएड डिग्री धारकों को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लेटर की प्रति शेयर करते हुए लिखा कि देश के करोड़ों बेगुनाह बीएड अभ्यर्थियों (दिनांक 28 जून, 2018 से लेकर 11 अगस्त, 2023 तक के) को प्राथमिक शिक्षक पद के लिए योग्य करने के सम्बन्ध  में  शिक्षा मंत्री, भारत सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि देश के इन करोड़ों बीएड अभ्यर्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस समस्या का न्यायोचित समाधान करने का प्रयास करें.

"चंद्रशेखर ने लिखा, देश के करोड़ों बी०एड० अभ्यर्थियों ने केंद्र सरकार में उत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री जी के सुझाव पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE), नई दिल्ली द्वारा 28 जून, 2018 को जारी भारत के राजपत्र पर विश्वास करते हुए बी०एड० डिग्री को 2 वर्ष के कीमती समय व लाखों रुपये फीस देकर हासिल किया है. राजपत्र में स्पष्ट शब्दों में यह उल्लिखित या कि दो वर्षीय बी०एड० डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षक पद के लिए योग्य होंगे. बशर्ते कि उन्हें अपनी शिक्षक नियुक्ति के 2 वर्ष के भीतर 6 माह का ब्रिज कोर्स करना होगा."

इसी राजपत्र के अनुसार ही अब तक देशभर में करोड़ों की संख्या में प्रभ्यर्थियों के बी०एड० डिबी या हो पूर्ण कर लिया था या पिछले सत्र में प्रवेश लेकर अभी भी पूर्ण कर रहे हैं. NCTE नियमावली द्वारा ही प्राथमिक शिक्षक पद पर योग्य होने के लिए प्रत्येक वर्ष आयोजित हो रहे केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (CTET) स्तर-1 को हम अपने बाल विकास व मनोविज्ञान के गहन अध्ययन, ज्ञान व अनुभव से बेहतरीन नंबरों से पास भी कर चुके है या कर रहे हैं.

आगे लिखा, 11 अगस्त, 2023 को बीएड अभ्यर्थियों के संदर्भ में माननीय उच्यतम न्यायालय के फैसले ने उक्त राजपत्र को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि NCTE ने एक स्वायत सस्था के तौर पर काम नहीं किया बल्कि केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) की मांग पर मान संसाधन विकास मंत्रालय (MHR) द्वारा जारी निर्देश पत्र वर पालन करते हुए उक्त राजपा को जारी किया.

देश के सर्वोच्य संस्थाओं की उक्त गलतियों की सजा अब इन अभ्यर्थियों को PRT से बाहर होकर भुगतनी पड़ रही है. सभी बेगुनाह बीभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक पद के लिए अचानक अयोग्य ठहरा दिया गया है? वर्तमान समय में चल रही भर्ती प्रक्रिया से वंचित करने का काम किया गया है, प्राथमिक शिक्षक पद से वंचित होने के बास बीएड अभ्यर्थियों के सामने शिक्षक बनने का कोई विकल्प ही नहीं रह गया है. इसका कारण है कि लाखों अभ्यर्थियों का टीजीटी पद के लिए स्नातक डिग्री (बीए, बीटेक, बीकाम, व अन्य) में विषय संयोजन (सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन) नहीं बनना है.

2018 से लेकर 2023 तक बीते वर्षों की इनकी पढ़ाई-लिखाई (बी०एड०, UPTET, CTET व अन्य राज्यों के TET) में लगे कीमती समय, ऊर्जा, भावनाओं, स्वयं व परिवार के सपनों सहित उनमें लाखों रुपये के खर्च को एक अटके में बर्बाद करने का काम वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा ही किया गया है. हताश व निराश होकर कई अभ्यर्थियों ने अपने भविष्य को अंधकार की और देखकर आत्महत्या के रास्ते का चुनाव किया जो कि संस्थानिक हत्या के समान है. 

"सुप्रीम कोर्ट से आये फैसले के पहले ही जारी शिक्षक भर्ती के विज्ञापनों (KVS व BPSC) में लाखों की संख्या में बी०एड० अभ्यर्थी आवेदन किए, परीक्षा दिए और अच्छे नम्बरों से पास भी हुए लेकिन उन भर्तियों से बी०एड० अभ्यर्थियों को वंचित करके उनके शिक्षक बनने के एकमात्र उम्मीद को भी छीन लिया गया. अथ सवाल ये है कि 11 अगस्त 2023 को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले तक जय NCTE का उक्त राजपत्र अपने कानूनी रूप से अस्तित्व में था तो उसी के अनुसार बी०एड० के शैक्षिक सत्र को पूर्ण करने वाले या वर्तमान सत्र में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थी सजा क्यों भुगते और आखिर उन्हें आखिर किस गुनाह की सजा दी जा रही है? आपसे अनुरोध है कि आप देश के हर करोड़ों बीएड अभ्यर्थियों के भविष्य को ध्यान में लाते हुए इस समस्या का न्यायोचित समाधान करने का प्रयास करें."

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