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UP Assembly: यूपी विधानसभा में 65 साल बाद बदले नियम, मोबाइल फोन-झंडे समेत इन चीजों पर बैन पर भड़के विधायक

UP Assembly Session: नई नियमावली में विधायकों के आचरण और व्यवहार तय किए गए हैं...नए नियमों को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है...अखिलेश यादव ने नए नियमों को लेकर निशाना साधा है...अक्सर देखा गया है कि विपक्षी पार्टियों के विधायक इसी माध्यम से सदन में अपना विरोध जाहिर करते हैं...नए नियम से विपक्ष हमलावर नजर आ रहा है...

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UP Assembly: यूपी विधानसभा में 65 साल बाद बदले नियम, मोबाइल फोन-झंडे समेत इन चीजों पर बैन पर भड़के विधायक
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Zee News Desk|Updated: Aug 10, 2023, 03:21 PM IST

UP Assembly Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा में कामकाज और विधायकों के व्यवहार को लेकर नई नियमावली से विपक्षी विधायक भड़क गए हैं. 1958 के बाद 65 साल में नई नियमावली लागू हो रही है. इसमें मोबाइल फोन के साथ झंडे, प्रतीक चिन्हों समेत कई चीजों पर पाबंदी होगी. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसको लेकर गुरुवार को विधानसभा में सवाल उठाए.

कल से लागू होगी नई नियमावली
विधानसभा की नई नियमावली कल से लागू होगी.  विधायक झंडे, बैनर, मोबाइल सदन में नहीं ले जा सकेंगे और अध्यक्ष के आसन के पास जाने पर भी रोक रहेगी.  विधायक सदन की कार्यवाही से ऑनलाइन जुड़ सकेंगे. विधानसभा की कार्यवाही को ऑनलाइन किया जाएगा. नई नियमावली में सत्र संचालन के विषय में बदलाव है. सत्र बुलाने के लिए अब नोटिस अवधि 7 दिन की होगी. नए नियम में विधायक अध्यक्ष को पीठ नहीं दिखा सकेंगे. सदन की कार्यवाही के समय दस्तावेज फाड़ने पर रोक लगेगी.

 

उत्तर प्रदेश विधानसभा की नई नियमावली में क्या हैं नए नियम

यूपी विधानसभा की 1962 के स्थान पर नई नियमावली है.नई नियमावली में कई अहम बदलाव किए गए हैं.

1-सदन में मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे सदस्य 

2-झंडे, प्रतीक, अन्य वस्त्र से  प्रदर्शन नहीं करेंगे 

3-सदस्यों के वेल में आने पर रोक 

4- 5 के बदले 7 दिन में बुला सकेंगे अधिवेशन 

5-जवाब न देने पर मंत्री को कारण बताना होगा

सभी को अपनी बात रखने का अधिकार -आराधना मिश्रा
कांग्रेस नेता विधान मंडल दल आराधना मिश्रा मोना का बयान सामने आया है. आराधना मिश्रा का कहना है कि लोकतांत्रिक देश में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को सदन में प्राथमिकता मिलनी चाहिए.  नई नियमावली प्रवर समिति को भेजा जाए. आराधना ने कहा कि पहले भी इस तरीके के नियम रहे हैं. अगर सरकार हमारी बात सुनेगी तो वेल में जाने की क्या जरूरत होगी. उनका कहना है कि जब किसी सदस्य की बात नहीं सुनी जाती है तब वह वेल में जाता है.

नई नियमावली में कई चीजें संशोधित की गईं-पल्लवी पटेल
सपा विधायक पल्लवी पटेल ने बयान देते हुए कहा कि नई नियमावली को लेकर सदन में हमने अपनी बात रखी है. पल्लवी पटेल ने कहा कि नई नियमावली में कई चीजे संशोधित की गई हैं. उन्होंने कहा कि नियमावली में सभी बिंदुओं पर विचार करना चाहिए.  कई सदस्यों ने अपने सुझाव दिए हैं.

विधायकों का मुंह बांध कर बैठना ही बचा-सपा नेता
नई नियमावली को लेकर सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा है कि विधायक मोबाइल नहीं ले जा सकता, पेन नहीं ले जा सकता तो फिर क्या ले जाए. राकेश प्रताप सिंह
ने कहा कि विधायकों का मुंह बांध कर बैठना ही बचा है.

नई नियमावली पर अखिलेश यादव
विधानसभा की नई नियमावली पर अखिलेश यादव ने कहा कि अपने विधायकों से राय करके हम बताएंगे क्या होना चाहिए ? क्या नहीं होना चाहिए ? राहुल गांधी के लोकसभा में इशारे किए जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि अब तो बीजेपी की तरफ से शब्द भी डिफाइन किए जा रहे हैं. बीजेपी बताएगी क्या होना चाहिए ? और क्या नहीं होना चाहिए. सवाल यह नहीं है कि क्या होना चाहिए क्या नहीं होना चाहिए. आखिर भारतीय जनता पार्टी महंगाई पर बात क्यों नहीं करना चाहती है. 
भारतीय जनता पार्टी विपक्ष को परेशान करने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर रही है. अखिलेश ने कहा कि सूखे में आखिर किसकी क्या मदद हो रही है,  सरकार बताएगी क्या ? सरकार से जब पूछा जाता है की मंडी का इंतजाम कहां पर है तो कुछ नहीं बताती है. किसानों के लिए खाद, कीटनाशक सब महंगा है.

दिल्ली वाले और लखनऊ वाले कहते थे कि किसान की आय दोगुनी हो गयी है, लेकिन किसान की आय दोगुनी कहां हुई. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार सिर्फ उलझना जानती है. क्या धान के किसान की आय दोगुनी हो गई ? तंज कसते हुए कहा कि यूपी सरकार कह रही है कि धान एक्सपोर्ट हो रहा है. जबकि दिल्ली की सरकार ने धान के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है. कुछ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए धान के एक्सपोर्ट पर रोक लगाई गई है. घोसी उपचुनाव पर अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी घोसी का चुनाव लड़ेगी और जीतेगी. हम जल्द टिकट जारी करेंगे.

मानसून सत्र में पेश होगी उत्तर प्रदेश विधानसभा की नई नियमावली
मौजूदा समय में विधानसभा में 1958 में बनी नियमावली लागू है.  सूत्रों के मुताबिक जुलाई या अगस्त में होने वाले विधानमंडल के मानसून सत्र में नई नियमावली को पेश किया जाएगा.

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