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मजबूत कैंडीडेट की तलाश में बसपा, मायावती ने शुरू की विधानसभा उपचुनाव की तैयारी

BSP preparing for by elections: यूपी में बसपा ने पहली बार विधानसभा उपचुनाव लड़ा, लेकिन जोरदार झटका लगा. लोकसभा चुनाव के साथ ही 4 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव भी हुए. इन सभी सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशी उतारे, लेकिन सभी औंधे मुंह गिरे. बीएसपी ने फिर से उठने की कोशिश की है.

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Zee Media Bureau|Updated: Jun 19, 2024, 08:34 AM IST

मयूर शुक्ला/लखनऊ: लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद बहुजन समाज पार्टी ने हिम्मत नहीं हारी है.बसपा ने  10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी खाली हुई दस सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों को उतारने की कवायद में जुट गई है.  बसपा के सूत्रों के मुताबिक बीएसपी (BSP)  सभी सीटों पर अकेले दम पर मैदान में उतरेगी. सूत्रों के अनुसार अगर बसपा को बीजेपी की तरफ से किसी तरह का प्रपोजल आता है तो वह 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उसके साथ हो सकती है. वहीं पार्टी के पूर्व नेशनल कोऑर्डिनेटर और राजनीतिक उत्तराधिकारी आकाश आनंद की वापसी को लेकर अभी कौतूहल बरकरार है.

विधानसभा में बसपा के उमाशंकर सिंह अकेले विधायक
बता दें कि विधानसभा में बसपा के उमाशंकर सिंह अकेले विधायक हैं.  लोकसभा, राज्यसभा और विधान परिषद में पार्टी का कोई भी सदस्य नहीं है. बसपा के लिए उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारना मजबूरी बन चुका है, क्योंकि आजाद समाज पार्टी भी उपचुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है.  यदि बसपा उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेती है तो दलित वोट बैंक आजाद समाज पार्टी की ओर रुख कर सकता है. इस लिहाज से भी बसपा फूंक-फूंक कर कदम रखेगी. पार्टी सूत्रों की मानें तो उपचुनाव के लिए मजबूत उम्मीदवारों के नामों की फेहरिस्त तैयार करने का जिम्मा इस बार जिलाध्यक्षों को सौंपा गया है.

हाल ही में हुए उपचुनाव में झटका
अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश समेत देश भर में लोकसभा चुनाव (Lok sabha Election) संपन्न हुए हैं. इसके साथ ही जिन राज्यों में कुछ विधानसभा सीटें खाली हुई थीं, उन पर उपचुनाव भी हुए. यूपी की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए. बहुजन समाज पार्टी ने 2024 में पहली बार लड़ा. बसपा ने लोकसभा चुनाव भी अकेले लड़ा और चार सीटों पर जो उपचुनाव हुए, उसमें भी किसी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं किया. इन सीटों में सोनभद्र की दुद्धी, शाहजहांपुर की ददरौल, बलरामपुर की गैसड़ी और लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट शामिल थी. उपचुनाव में बसपा का बुरा हाल हुआ.  चारों प्रत्याशी हार गए. ददरौल सीट पर ही पार्टी के प्रत्याशी ने बेहतर प्रदर्शन किया. नतीजे पक्ष में नहीं आने के बावजूद 10 सीटों पर फिर से होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए बीएसपी ने तैयारी शुरू कर दी है.

लोकसभा में भी शून्य बसपा
यूपी की 79 लोकसभा सीटों पर अकेले लड़ने वाली बहुजन समाज पार्टी लोकसभा में भी शून्य हो गई. पार्टी का कोई प्रत्याशी नहीं जीता.हालांकि किसी दल के प्रत्याशी को जिताने और हराने में बीएसपी के प्रत्याशियों ने भरपूर भूमिका अदा की.

किन 10 सीटों पर उपचुनाव
लोकसभा चुनाव में भाजपा और सपा के कई विधायक जीत कर सांसद बने हैं और अब उनकी सीट खाली हो गई हैं. अब इन्हीं सीटों पर अब उप चुनाव होगा. मैनपुरी की करहल सीट, अम्बेडकर नगर की कटेहरी, अयोध्या की मिल्कीपुर, गाजियाबाद सदर, प्रयागराज की फूलपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी, मिर्जापुर जिले की मझवा, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और कानपुर की कैंट सीट पर उपचुनाव होगा. इसके अलावा सीसामऊ विधानसभा सीट भी खाली होने ही वाली है. यहां से सपा विधायक इरफान सोलंकी आगजनी के एक मामले में हाल ही में 7 साल की सजा मिली है.ऐसे में उनकी सदस्यता खत्म होगी.

बसपा  का सिर्फ एक विधायक
जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा, उनमें वर्तमान में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के खाते में एक भी सीट नहीं है. पिछला विधानसभा चुनाव भी बसपा ने अकेले ही लड़ा था और एक ही विधायक जीता था. बीएसपी के एकमात्र विधायक रसड़ा विधानसभा सीट से उमाशंकर सिंह  हैं.

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