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महाराणा प्रताप जयंती आ गई, राजपूतों के शौर्य और पराक्रम के प्रतीक

Maharana Pratap jayanti 2024: मेवाड़ के राजा, महान योद्धाओं और शासकों में से एक महाराणा प्रताप की जयंती 9 जून को मनाई जाएगी. उनकी जयंती के अवसर पर उनकी वीरता को याद करते हैं.

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निडर महाराणा प्रताप
निडर महाराणा प्रताप

भारतीय इतिहास में महाराणा प्रताप को उनकी वीरता, अदम्य साहसी, निर्भीक और बलशाली योद्धा के रूप में जाना जाता है. महाराणा प्रताप के नेतृत्व में मेवाड़ ने मुगल बादशाह अकबर की आधीनता कभी स्वीकार नहीं की.

 

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बहादुर राजपूत
 बहादुर राजपूत

मेवाड़ शासक महाराणा प्रताप को सबसे बहादुर राजपूत योद्धाओं में से एक थे और वह मुगलों के खिलाफ अपनी यादगार लड़ाइयों के लिए जाने जाते है. 

 

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मेवाड़ सिसोदिया राजवंश के राजा
 मेवाड़ सिसोदिया राजवंश के राजा

महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड़ सिसोदिया राजवंश के राजा थे. उनके कुल देवता एकलिंग महादेव हैं. उनका राज्याभिषेक गोगुंदा में हुआ था. महाराणा प्रताप को वीरता और नेतृत्व की विरासत विरासत में मिली

 

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जयंती इस बार 9 जून
जयंती इस बार 9 जून

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती इस बार 9 जून को मनाई जाने वाली है. उनका जन्म राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था. राजस्थान में उनका जन्मदिन बहुत धूमधाम से मनाया जाता. 

 

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महाराणा प्रताप की वीरता
 महाराणा प्रताप की वीरता

 1540 (हिंदू कैलेंडर के अनुसार) को जन्मे, मुगल सम्राट अकबर के खिलाफ हल्दीघाटी की लड़ाई के दौरान महाराणा प्रताप की वीरता और नेतृत्व का जश्न मनाया जाता है. 

 

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महाराणा प्रताप जयंती 2024
महाराणा प्रताप जयंती 2024

महाराणा प्रताप जयंती, हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष 9 जून को पड़ती है, जबकि ऐतिहासिक रूप से, महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को बताया जाता है. जूलियन कैलेंडर के अनुसार, ग्रेगोरियन कैलेंडर में परिवर्तन के कारण उनकी जन्मतिथि बदल गई.

 

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मुगल साम्राज्य
मुगल साम्राज्य

उनके काल में दिल्ली में मुगल सम्राट अकबर का शासन था, जो भारत के सभी राजा-महाराजाओं  को अपने अधीन कर मुगल साम्राज्य की स्थापना की थी. 

 

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अधीनता स्वीकार नहीं की
अधीनता स्वीकार नहीं की

30 सालों के लगातार प्रयास के बावजूद महाराणा प्रताप ने अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की. महाराणा प्रताप ने अपने मेवाड़ की आन-बान-शान हमेशा कायम रखी. 19 जनवरी 1597 को उनका निधन हो  गया.

 

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मजबूती से सामना किया
मजबूती से सामना किया

उन्होंने मुगल सम्राट अकबर के खिलाफ स्वतंत्रता के पहले युद्ध का नेतृत्व किया था.  हल्दीघाटी का युद्ध महाराणा प्रताप के साहस और लचीलेपन का प्रमाण है, जहां उन्होंने मुगल सेना की ताकत का मजबूती से सामना किया था. 

 

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क्यों मनाते हैं साल में दो महाराणा प्रताप जयंती
क्यों मनाते हैं साल में दो महाराणा प्रताप जयंती

हिन्दू पंचांग के अनुसार राणा प्रताप का जन्म ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया को हुआ था. इसलिए हर साल ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया को पूरे देश में महाराणा प्रताप जयंती हर्षोल्लास से मनाई जाती है. 

 

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अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार

वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार राणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था. यहीं कारण है कि महाराणा प्रताप की जयंती साल में दो बार मनाई जाती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप जयंती भारत के उत्तरी और पश्चिमी राज्यों (हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान) में 9 जून को मनाई जाएगी. 

पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.