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Jyeshta Month 2023: कल से शुरू हो रहा ज्येष्ठ माह, देखें इस महीने में पड़ने वाले प्रमुख व्रत त्योहारों की लिस्ट

Jyeshta Month 2023: हिंदू पंचाग के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा के समापन के साथ ज्येष्ठ मास शुरू हो जाता है. ऐसे में आइये जानते हैं ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों के बारे में 

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Jyeshta Month 2023 Vrat Tyohar
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Zee News Desk|Updated: May 05, 2023, 02:56 PM IST

Jyeshta Month 2023: हिंदू धर्म में प्रत्येक मास का अपना महत्व होता है. इस प्रकार ज्येष्ठ मास का भी महत्व है.  हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि खत्म होने के साथ ही ज्येष्ठ मास की शुरुआत हो जाती है. इसे जेठ का महीना भी कहा जाता है. हिंदू कैलेंडर में ज्येष्ठ माह तीसरा महीना होता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार देखा जाएग तो यह महीना मई और जून के बीच पड़ता है. इसके बाद आषाढ़ मास शुरू हो जाएगा. इस साल ज्येष्ठ मास 6 मई शनिवार से शुरू हो रहा है. इस मास में कई बड़े-बड़े व्रत त्योहार पड़ते हैं. ऐसे में आइये जानते हैं कि ज्येष्ठ मास कब तक है और इस माह में कौन-कौन से व्रत त्योहारों पड़ने वाले हैं. 

कब तक है ज्‍येष्‍ठ माह (Jyeshta Month Starting and End Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार कल यानी 6 मई 2023, शनिवार से ज्‍येष्‍ठ महीना शुरू हो रहा है. इसकी समाप्ति 4 जून 2023 रविवार को होगी. 

ज्येष्ठ माह 2023 के व्रत त्योहार (Jyeshta Month 2023 Festival List) 
6 मई 2023, शनिवार- ज्येष्ठ मास आरंभ 
8 मई 2023, सोमवार- एकदंत संकष्टी चतुर्थी 
12 मई 2023, शुक्रवार- कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
14 मई 2023, रविवार- हनुमान जयंती (तेलुगु) 
15 मई 2023, सोमवार- अपरा एकादशी, वृषभ संक्रांति 
17 मई 2023,बुधवार- मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष) 
19 मई 2023, शुक्रवार- ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या, शनि जयंती 
23 मई 2023, मंगलवार- विनायक चतुर्थी 
25 मई 2023, गुरुवार- स्कंद षष्ठी 
29 मई 2023, सोमवार- महेश नवमी 
30 मई 2023, मंगलवार-  गंगा दशहरा 
31 मई 2023, बुधवार- निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती, राम लक्ष्मण द्वादशी 
1 जून 2023, गुरुवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल) 
3 जून 2023, शनिवार- वट पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत

कैसे पड़ा 'ज्येष्ठ' मास का नाम 
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस मास की पूर्णिमा पर ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बनता है, जिसके चलते इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है. प्राचीन काल गणना के अनुसार, इस माह में दिन बड़े होते हैं और सूर्य की ज्येष्ठता के कारण भी इसका नाम ज्येष्ठ हुआ. बता दें कि इस महीने में नौतपा भी लगता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.

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