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Tulsi Vivah Puja Samagri 2023: इन चीजों के बिना अधूरा है तुलसी-शालीग्राम का विवाह! नोट करें पूजा सामग्री की लिस्ट

Tulsi Vivah Puja Samagri 2023: देव उठनी एकादशी के दिन भगवान श्रीहरि 4 महीने की निद्रा के बाद जागते हैं और अगले दिन तुलसी जी के साथ विवाह रचाते हैं. एकादशी और तुलसी-शालीग्राम विवाह के पूजन में कुछ सामग्री का होना बहुत जरूरी है.  

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प्रतीकात्मक फोटो
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Preeti Chauhan|Updated: Nov 21, 2023, 01:38 PM IST

Tulsi Vivah Puja Samagri 2023: कार्तिक मास के शुक्‍ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन दवउठनी एकादशी मनाई जाती है. इस दिन 4 महीने की योगनिद्रा के बाद भगवान विष्‍णु जागते हैं. इसलिए देव उठनी एकादशी का व्रत रखना और पूजा करना बेहद फलदायी माना गया है. इस साल 4 नवंबर को देव उठनी एकादशी मनाई जाएगी. एकादशी व्रत का पारण अगले दिन 5 नवंबर को होगा. इसी दिन तुलसी-शालिग्राम विवाह रचाया जाएगा. देवोत्थान एकादशी पर भगवान शालिग्राम और देवी तुलसी का विवाह कराने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. विवाह और पूजन विधि-विधान से करने के लिए पूजा सामग्री में कुछ चीजों को जरूर शामिल करें, वरना इन चीजों के बिना पूजा अधूरी रह जाएगी. 

कब है देवउठनी एकादशी ?
देवउठनी एकादशी
23 नवंबर 2023

देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि का प्रारम्भ: 22 नवंबर  2023 दोपहर 01.33 मिनट पर.
एकादशी तिथि का समापन: 23 नवंबर को सुबह 11. 31 मिनट पर.
एकादशी व्रत: 23 नवंबर को किया जाएगा.

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तुलसी विवाह के लिए पूजन सामग्री
तुलसी विवाह पूजा में मंडप तैयार करने के लिए गन्ना,चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा, तुलसी का पौधे को अच्छे से सजाएं. धूप, दीपक,फूल,  वस्त्र, माला, सुहाग का सामान, लाल चुनरी, साड़ी, हल्दी,  बेर, शकरकंद, सिंघाड़ा, सीताफल,मूली, आंवला, अमरूद और मौसमी फल चाहिए.  

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जानें तुलसी विवाह की पूजा विधि
तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह करने के लिए हिंदू पंचाग के मुताबिक शुभ मुहूर्त को चुनें. इस शुभ मुहूर्त में घर के आंगन, छत या बालकनी को अच्‍छी तरह साफ करें. वहां गन्‍ने से मंडप तैयार करें. देवठान के दिन शाम के समय भगवान श्रीहरि और मां लक्ष्‍मी के आगमन के लिए तुलसी विवाह से पहले रंगोली बनाएं. तुलसी माता और भगवान शालिग्राम की विधि-विधान से विवाह रचाएं. देसी घी के 11 दीपक जलाएं. गन्ना, अनार, केला, सिंघाड़ा, लड्डू, पतासे, मूली आदि मौसमी फल और नया अनाज अर्पित करें. इस शुभ अवसर पर विवाह के मांगलिक गीत गाए जाते हैं. इसके साथ ही इस दिन तुलसी नामाष्टक सहित विष्णुसहस्त्रनाम के पाठ करें. अगर आप ऐसा करेंगे तो आपको बहुत पुण्‍य मिलेगा.

तुलसी विवाह में करें इस मंत्र का जाप 

भोर, भाजी, आंवला। उठो देव म्हारा सांवरा. तुलसी विवाह के दिन भगवान विष्णु को जगाने के लिए और उनसे संसार का कार्यभार संभालने के लिए ये मंत्र बोलकर उनसे प्रार्थना की जाती है.
‘महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते’.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.

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