trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand02035163
Home >>Religion UP

Shaniwar Ke Upay: शनिदेव को प्रकोप से पाना है मुक्ति, तो शनिवार को जरूर करें इन चमत्कारिक मंत्रों का जाप

Shaniwar Ke Upay: अगर आप भी साढ़े साती, शनिदोष या फिर ढैया से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ शक्तिशाली मंत्रों का जाप करें. 

Advertisement
Shaniwar Ke Upay
Stop
Zee News Desk|Updated: Dec 30, 2023, 06:00 AM IST

Shaniwar Ke Upay: आज पौष मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है. आज दिन शनिवार है. हिंदू धर्म में यह दिन शनिदेव को समर्पित होता है. इस दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना खास महत्व है. शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है. मान्यता है कि जिसपर शनिदेव की अच्छी दृष्टि होती है, उसके जीवन में सब मंगल होता है. वहीं अगर शनिदेव किसी से नाराज हैं, तो उस जातक के जीवन में संकट आ सकते हैं. उसके जीवन में अशांति हो फैली होती है. यही वजह है कि लोग शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए लोग कई तरह के उपाय और टोटके करते हैं. अगर आप भी शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो साफ मन से उनके प्रमुख मंत्रों का जाप करें. 

शनि देव के मंत्र (Shani Dev Mantra)
1. शनि बीज मंत्र

ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

2. शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

3. शनि पौराणिक मंत्र
ॐ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः
ॐ हलृशं शनिदेवाय नमः
ॐ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः
ॐ मन्दाय नमः
ॐ सूर्य पुत्राय नमः

4. शनि वैदिक मंत्र
ॐ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः

5. शनि आरोग्य मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा,
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्,
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं

6. शनि दोष निवारण मंत्र
ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम,
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात
ओम शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः,
ओम शं शनैश्चराय नमः

7. शनि गायत्री मंत्र 
॥ ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात ॥

8. शनि मूल मंत्र 
ॐ शं शनैश्चराय नमः

दशरथकृत शनि स्तोत्र
दशरथ उवाच:

प्रसन्नो यदि मे सौरे ! एकश्चास्तु वरः परः ॥
रोहिणीं भेदयित्वा तु न गन्तव्यं कदाचन् ।
सरितः सागरा यावद्यावच्चन्द्रार्कमेदिनी ॥

याचितं तु महासौरे ! नऽन्यमिच्छाम्यहं ।
एवमस्तुशनिप्रोक्तं वरलब्ध्वा तु शाश्वतम् ॥

प्राप्यैवं तु वरं राजा कृतकृत्योऽभवत्तदा ।
पुनरेवाऽब्रवीत्तुष्टो वरं वरम् सुव्रत ॥

दशरथकृत शनि स्तोत्र:
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च ।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ॥1॥

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च ।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते ॥2॥

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम: ।
नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते ॥3॥

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम: ।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने ॥4॥

नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते ।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ॥5॥

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते ।
नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ॥6॥

तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च ।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम: ॥7॥

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे ।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ॥8॥

देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा: ।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत: ॥9॥

प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे ।
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल: ॥10॥

दशरथ उवाच:
प्रसन्नो यदि मे सौरे ! वरं देहि ममेप्सितम् ।
अद्य प्रभृति-पिंगाक्ष ! पीडा देया न कस्यचित् ॥

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.

Saphala Ekadashi 2024: साल 2024 की पहली एकादशी पर व्रत रखने से होंगे अनेक लाभ, डेट, मुहूर्त सबकुछ जानें

Lehsunia Ratan: हर दोष से मुक्त कर देगा लहसुनिया, जानें इस रत्न को कौन लोग कतई धारण न करें

Read More
{}{}