Home >>Jyotish UP

Rules of Garland: किस मंत्र का करें किस माला से जाप, सभी देवता के लिए अर्पित मालाओं को आइए जानें

Mantra Jaap: विष्णु जी को तुलसी अति प्रिय है ऐसे में उनके श्री राम व श्री कृष्ण रूप की उपासना तुलसी माला से किए जाने को अति शुभ फलदायी बताया गया है.

Advertisement
mantra jaap ke niyam
Stop
Zee News Desk|Updated: Jan 25, 2024, 01:55 PM IST

 

 

Rules Of Garland: ईश्वर की साधना के अलग-अलग नियम हैं, भगवान को समर्पित अलग अलग मंत्र हैं और उन मंत्रों का जाप करने के लिए भी कई तरीके बताए गए हैं. किसी भी देवता का मंत्र जाप करते समय किस माला से जाप करें इस बारे में अच्छे से बताया गया है. सही मंत्रों का उच्चारण सही माला पर करें तो जीवन की परेशानियों को दूर किया जा सकता है. हिंदू धर्म में अगल अलग देवी-देवताओं के लिए अलग बीजों वाली माला को उपयोग में लाया जाता है. देवी-देवताओं के मंत्र जाप उचित माला पर ही करना चाहिए. किस देवी-देवता के लिए किस माला का उपयोग करें आइए जानते हैं. 

इन माला पर मंत्रों का जाप (Garland For Mantra Jaap)
बिल्व की माला

सूर्य के कुंडली में अशुभ फल देने पर शुभता लाने के लिए बेल की लकड़ी से बनाई गई माला से सूर्य मंत्र का जाप करें. इससे शीघ्र ही फल प्राप्त होगा और सूर्य देव की कृपा जीवन में बरसने लगेगी. बिल्व की लकड़ी से बनी माला को माणिक्य की माला के समान ही अति शुभ माना गया है. 

तुलसी की माला 
भगवान विष्णु की साधना जब भी की जाती है तुलसी की माला जरूर साथ रखी जाती है. विष्णु जी को तुलसी अति प्रिय है, ऐसे में श्री हरि और उनके हर एक अवतार को यानी भगवान श्री राम व श्री कृष्ण की उपासना तुलसी की माला से करने के बारे में बताया गया है. ऐसा करना अति शुभ फलदायी होता है. 

वैजयन्ती की माला
श्रीकृष्ण को वैजयंती माला अति प्रिय है. श्री कृष्ण की साधना अगर इसी माला से करें तो शीघ्र ही उनका आशीर्वाद पा सकते हैं. वैजयंती माला से उनके मंत्रों का जाप करने से शनि दोष दूर होता है और शनि देव की कृपा बरसती है. इस माला को भक्त धारण भी कर सकते हैं. 

कमलगट्टे की माला
धन की देवी मां लक्ष्मी के किसी भी मंत्र जाप करना है तो कमलगट्टे की माला का विशेष रूप से उपयोग में लाया जाना चाहिए. कारोबार की उन्नति के साथ ही धन-धान्य की प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी की पूजा करें तो कमल के बीजों से बनी माला का जरूर उपयोग करें. कमलगट्टे की माला का उपयोग करने से तंत्र पूजा में भी विशेष लाभ ्मिलता है. 

रुद्राक्ष की माला
रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान ​शिव (Lord Shiva) के आंसुओं से हुई जिसका शिव पूजा में रखना अति महत्वपूर्ण माना गया है. शिवजी को रूद्राक्ष अति प्रिय है. मान्यता है कि रुद्राक्ष की माला को धारण करने से व्यक्ति भय से दूर रहता है और भोलेनाथ के साथ ही कई और देवी-देवताओं का मंत्र जाप भी इससे किया जाता है. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि zeeupuk.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

और पढ़ें- Shattila Ekadashi 2024: षटतिला एकादशी कब है? अभी नोट करें सही डेट, मुहूर्त व व्रत के बाद पारण का समय 

{}{}