trendingNow/india/up-uttarakhand/uputtarakhand01835685
Home >>Jyotish UP

Rakhi Pe Bhadra ka saya: कौन थी भद्रा? जिनकी मौजूदगी से शुभ भी हो जाता है अशुभ, जानें इसके पीछे की पौराणिक कहानी

Bhadra ka saya: हर साल श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार  मनाया जाता है.  इस बार लोगों के मन में दुविधा है कि राखी 30 अगस्त को बांधी जाए या 31 को. आइए यहां पर जानते हैं सही समय और जानते हैं कि भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधी जाती है...      

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो
Stop
Preeti Chauhan|Updated: Aug 22, 2023, 11:39 AM IST

Rakhi Pe Bhadra ka saya: रक्षाबंधन पर राखी कब बांधी जाएगी, इसको लेकर हर साल की तरह इस साल भी कंफ्यूजन बना हुआ है कि राखी किस दिन बांधी जाएगी.  रक्षाबंधन 30 या 31 अगस्‍त कब मनाया जाए.  इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधेगी और लंबी उम्र की कामना करेंगी.  इस साल रक्षा बंधन पर भद्रा का साया मंडरा रहा है तो ऐसे में शुभ मुहूर्त देखकर ही भाई को राखी बांधे. हम आपको बताते हैं कि इस साल राखी पर भद्रा का साया पड़ रहा है.  इसी कारण ये असमंजस की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई है.  हम आपको बताते हैं कि राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्‍या है.

Raksha Bandhan 2023: राखी बांधने से भी हो सकती है स्किन पर एलर्जी, फौरन राहत दिलाएंगे ये घरेलू नुस्खे

इस दिन बांधे राखी
इस साल कई पंचांगों में रक्षाबंधन 30 अगस्त बुधवार को रात 9 बजकर 5 मिनट के बाद का बताया गया है,  जो सैद्धांतिक दृष्टि से ठीक है, मगर व्यावहारिक दृष्टि से इसके उलट है.  इसलिए 31 अगस्त 2023 वृहस्पतिवार को सुबह  9 बजे सावन की पूजा के बाद शाम को  5 बजे तक रक्षाबंधन  कल्याणकारी सिद्ध होगा।

क्यों नहीं बांधी जाती भद्राकाल में राखी
रक्षाबंधन में अपराह्न व्यापिनी पूर्णिमा तिथि जरूरी है. पंचाग में भद्रा को वर्जित बताया गया है.  पुराणों में विष्टि करण (भद्रा) को सूर्य की पुत्री और शनि की बहन बताया गया है.  कैसे भी शुभ कार्यों में भद्रा का होना अशुभ समझा जाता है. भविष्योत्तर पुराण के इस श्‍लोक में भद्रा के बारे में वर्णन किया गया है. पढ़िए ये श्लोक

भद्रायां द्वैन कर्त्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा।
श्रावणी नृपतिहान्ति, ग्राममं दहति फाल्गु

भद्रा में रक्षाबंधन से राजा का अनिष्ठ और होलिका दहन से प्रजा का अहित होता है. कथाओं के अनुसार, भद्रा भगवान सूर्यदेव और माता छाया की बेटी और शनि देव की बहन हैं. ऐसा कहा जाता है कि जहां पर भी कोई पूजा-पाठ, यज्ञ और मांगलिक कार्य होता था, भद्रा वहां पर पहुंच उसमें रुकावटें पैदा करने लगती थीं. इस कारण भद्रा को अशुभ माना जाता है. धर्म के मुताबिक यही कारण है कि भद्रा काल में कोई शुभ काम नहीं किया जाता है.।

रक्षाबंधन वाले दिन भाई-बहन को सुबह नहाकर देवता, पितृ और ऋषियों का ध्यान करना चाहिए. फिर उसके बाद राखी को भाई की कलाई पर बांधना चाहिए.  रक्षासूत्र बांधते समय निम्नलिखित मन्त्रोच्चारण करना जरूरी है. ये रहा मंत्र

।। येन बद्धो बली राजा दान वेन्द्र। महाबला।।
।। तेन त्वामनु बघ्नामि रक्षो मा चल मा चलः।।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

Chamar Yoga: क्या होता है चामर योग, जानें कैसे बनता है भाग्य को चमकाने वाला ये Yog? बनाता है राजा जैसी किस्मत

Shani Dev: चल रही है शनि की साढ़ेसाती तो करें ये अचूक उपाय, शनिदेव के अशुभ प्रभावों से मिलेगी मुक्ति

 

 

 

Read More
{}{}