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Makar Sankranti: अगले 72 सालों तक मकर संक्रांति 14 या 15 जनवरी को, आज ही जान लें जिंदगी भर नहीं रहेगा कनफ्यूजन

Makar Sankranti 2024: पिछले कुछ सालों में मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई गई ऐसी गणना कहती है. बस इतना ही नहीं करीब 5 हजार साल बाद मकर संक्रांति फरवरी के अंतिम हफ्ते में मनाई जाने लगेगी.

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  Makar Sankranti: अगले 72 सालों तक मकर संक्रांति 14 या 15 जनवरी को, आज ही जान लें जिंदगी भर नहीं रहेगा कनफ्यूजन
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Preeti Chauhan|Updated: Jan 15, 2024, 06:49 AM IST

Makar Sankranti 2024: आज, 15 जनवरी 2024 को देश भर में मकर संक्रांति का त्योहार बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है.  मकर संक्रांति पर गंगा स्नान, सूर्यपूजा और दान का विशेष महत्व होता हैहिंदू धर्म में मकर संक्रांति के पर्व का विशेष महत्व होता है. इस साल मकर संक्रांति का पर्व बहुत ही विशेष योग में मनाया जा रहा है.  वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य मकर राशि में आते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है

संक्रांति की तिथि और पुण्यकाल को लेकर उलझन की स्थिति
मकर संक्रांति का त्योहार हर साल सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के मौके पर मनाया जाता है. पिछले कुछ सालों से मकर संक्रांति की तिथि और पुण्यकाल को लेकर उलझन की स्थिति बनने लगी है. इस लेख में जानते हैं कि ऐसी स्थिति क्यों बनी हैं... और मकर संक्रांति का पुण्यकाल और तिथि मुहूर्त क्या है.  दरअसल , इस उलझन के पीछे खगोलीय गणना है. गणना के अनुसार हर साल सूर्य के धनु से मकर राशि में आने का समय करीब 20 मिनट बढ़ जाता है.  इसलिए करीब 72 साल के बाद एक दिन के अंतर पर सूर्य मकर राशि में आता है. ऐसा उल्लेख मिलता है कि मुगल काल में अकबर के शासन काल के दौरान मकर संक्रांति 10 जनवरी को मनाई जाती थी. अब सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का समय 14 और 15 के बीच में होने लगा क्योंकि यह संक्रमण काल है.

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क्या फरवरी में मनेगी मकर संक्रांति
साल 2012 में सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 15 जनवरी को हुआ था इसलिए मकर संक्रांति इस दिन मनाई गई थी.  पिछले कुछ सालों में मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई गई ऐसी गणना कहती है. बस इतना ही नहीं करीब 5 हजार साल बाद मकर संक्रांति फरवरी के अंतिम हफ्ते में मनाई जाने लगेगी.

ज्योतिषीय गणना एवं मुहुर्त चिंतामणी के अनुसार सूर्य सक्रान्ति समय से 16 घटी पहले और 16 घटी बाद तक का पुण्य काल होता है.  निर्णय सिन्धु के अनुसार मकर सक्रान्ति का पुण्यकाल सक्रान्ति से 20 घटी बाद तक होता है किन्तु सूर्यास्त के बाद मकर सक्रान्ति प्रदोष काल रात्रि काल में हो तो पुण्यकाल दूसरे दिन माना जाता है. इस वर्ष भगवान सूर्य देव 14 जनवरी रविवार को रात 02 बजकर 42 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेगें.

धनु का मकर में प्रवेश
सूर्य धनु से मकर राशि में 14 जनवरी को प्रवेश कर रहा है। अतः धर्म सिंधु के मतानुसार..

मकरे पराश्चत्वारिंशत्।।
अर्थात मकर में परली चालीस घड़िया पुण्यकाल है।
इदं मकरकर्कातिरिक्तं सर्व- त्र रात्रिसंक्रमे ज्ञेयम् ॥
अयने तु मकरे रात्रिसंक्रमे सर्वत्र परदिनमेव पुण्यम् ॥

मकर में रात्रि को संक्रांति होय तो सर्वत्र परदिन में पुण्यकाल माना जाता है. अतः इस साल उदया तिथि के में संक्रांति आरम्भ होने के कारण 15 जनवरी सोमवार के दिन संक्रान्ति का पर्व मनाया जाना ही शास्त्रोचित है.

शुभ संयोग 2024
इस वर्ष मकर संक्रांति का विशेष महत्व है, दरअसल 77 साल बाद मकर संक्रांति पर रवि योग के साथ वरियान योग का संयोग रहेगा.  वैदिक पंचांग के अनुसार रवियोग 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से 08 बजकर 07 मिनट तक. वहीं वरियान योग 14 जनवरी को रात 02 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 15 जनवरी की रात 11 बजकर 10 मिनट तक रहेगा.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.

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