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Govardhan Puja 2023: गोवर्धन पर होती है गाय माता की पूजा, जानें क्या है श्रीकृष्ण से इसका संबंध!

Govardhan Puja 2023: दीपावली के अगले दिन गोवेर्धन  की पूजा की जाती है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपाद तिथि यानी कि दीपावली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है. इस दिन गाय माता की पूजा की जाती है. शास्त्रों के अनुसार गाय में सभी देवी देवताओं का वास होता है.

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Govardhan Puja 2023
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Preeti Chauhan|Updated: Nov 13, 2023, 09:48 AM IST

Govardhan Puja 2023: दीवाली के अगले दिन भारतीय धर्म में गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है. इस पर्व को अन्नकूट भी कहते हैं. कार्तिक माहीने की प्रतिपदा को भगवान गोवर्धन या गिरिराज जी की पूजा का विधान है उनके साथ ही भगवान कृष्ण , गोवर्धन पर्वत और गाय माता की भी पूजा करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने ही लोगों सो गौमाता की पूजा करने को कहा था, जिस पर इंद्र देव नाराज हो गए थे और फिर श्रीकृष्ण ने लोगों की रक्षा की थी.इस साल ये त्योहार 13 और 14 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा. इस दिन घर के प्रांगण में गोबर का गोबर्धन बनाया जाता है इसका खास महत्व होता है.

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा की तिथि आज 13 नवंबर की दोपहर 2:56 पर शुरू होकर कल यानी 14 नवंबर 2:36 तक रहेगी. उदया तिति के अनुसार, गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को की जाएगी. कुछ जगहों पर 14 नवंबर को भई दूज का पर्व मनाया जाएगा इसलिए आप 13 नवंबर के शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं. आप गोवर्धन पूजा 14 नवंबर की सुबह में भी कर सकते हैं. 14 नवंबर 2 बजे के बाद भाई दूज की तिथि शुरू जाएगी. इस प्रकार आप एक ही दिन में दो पर्व मना सकते हैं.

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गाय में सभी देवों का वास
शास्त्रों के अनुसार गाय में सभी देवी देवताओं का वास होता है. उनकी पूजा करने से घर में सुख और शांति का आती है. आज के दिन सभी गौ मां की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में  गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन के दिन इंद्र का अपमान कर पर्वत राज गिरिराज पूजन किया था. भारतीय परंपरा के अनुसार गाय की पूजा का बहुत ही महत्व है. गाय को मां का दर्जा दिया गया है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक गाय में सभी देवों का वास बताया गया है.पंचग्व्य, चरणामृत समेत गाय का दूध ,गोबर सभी कुछ पवित्र माना जाता है. गाय के घी को औषधीय गुणों वाला माना जाता है. 

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गाय का महत्व
हिंदू धर्म में गाय को माता कहा गया है. गोवर्धन के दिन  श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण की पूजा-आराधना करते हैं. इस दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से विशेष फल मिलते हैं. इस दिन लोग घरों में गोबर से घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत बनाकर जल, मौली, रोली, चावल, फूल, दही और दीप जला पूजा अर्चना  करते हैं. . शास्त्रों के अनुसार गाय को देवी लक्ष्मी का रूप माना गया है कि क्योंकि उनके दूध से लोगों को सेहत मिलती है और वे सम्पदा और समृद्धि का भी प्रतीक हैं.  गाय के दूध को नदियों के जल जितना पवित्र माना जाता हैइस दिन गायों की पूजा भी की जाती है और फिर गाय को मिठाई खिलाकर उनकी आरती उतारकर प्रदक्षिणा की जाती है.गाय को एक प्रकार का धन भी कहा जाता है. 

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क्यों करते हैं गाय की पूजा?
गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है. शास्त्रों में बताया गया है कि गाय बहुत ही पवित्र होती हैं. गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी बताया गया है. देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि देती हैं, उसी तरह गाय माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं.

डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.

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